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अपने कस्टमर्स का मजाक उड़ाना बंद करें
दक्षा वैदकर कुछ दिनों पहले मैं हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट्स बेचनेवाली एक कंपनी के संपर्क में आयी. अब मुझे रोजाना सुबह उनके सेंटर जाना पड़ता है. सोमवार सुबह जब वहां पहुंची, तो देखा कि एक बुजुर्ग कंपनी के मेंबर्स के साथ बैठे थे. शुरुआत में जिस तरह मुझे कंपनी के प्रोडक्ट इस्तेमाल कराने के लिए […]
दक्षा वैदकर
कुछ दिनों पहले मैं हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट्स बेचनेवाली एक कंपनी के संपर्क में आयी. अब मुझे रोजाना सुबह उनके सेंटर जाना पड़ता है. सोमवार सुबह जब वहां पहुंची, तो देखा कि एक बुजुर्ग कंपनी के मेंबर्स के साथ बैठे थे.
शुरुआत में जिस तरह मुझे कंपनी के प्रोडक्ट इस्तेमाल कराने के लिए वहां के मेंबर्स ने मुझे हर चीज की जानकारी दी थी, वैसे ही वे सब उस बुजुर्ग को भी समझा रहे थे, लेकिन उनकी उम्र 70 के करीब थी, तो उन्हें ये सारी चीजें समझने में वक्त लग रहा था. वे उनसे बार-बार पूछते कि ये प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से क्या होगा?
रोजाना कितनी बार लेना पड़ेगा? कोई नुकसान तो नहीं? उन्होंने मुझे वहां बैठे देखा, तो मुझसे भी पूछा कि तुम्हें यह कैसा लगा? तुम्हें फायदा हुआ या नहीं. मैं बड़े शांत तरीके से बताने लगी. तभी मैंने देखा कि कंपनी की एक मेंबर दूसरे कमरे में जा कर झांकते हुए मुझे इशारे से कुछ कह रही थी. मैंने गौर किया, तो समझा. उसके हाथों व चेहरे के भाव से उसने कहा कि ‘बुजुर्ग का दिमाग खिसका हुआ है.
सुबह से पका रहे हैं. हम तो परेशान हो गये’. तभी दूसरी मेंबर, जो बुजुर्ग के पास बहुत देर से बैठी थी, वह उसके पास गयी और दोनों ने एक-दूसरे को ताली मारते हुए फिर बुजुर्ग का मजाक उड़ाया. उन्हें देख मन खिन्न हो गया. वे जिस बुजुर्ग को अपना प्रोडक्ट बेचना चाह रहे हैं, उसी का मजाक उड़ा रहे हैं, जबकि यह कहा जाता है कि कस्टमर भगवान का रूप होते हैं.
यह इसलिए भी कहा जाता है कि कस्टमर अगर आपका सामान न खरीदें, तो आपके घर में पैसा कहां से आयेगा? आप खायेंगे क्या? यहां तो बात एक बुजुर्ग की थी, जो अपनी उम्र के मुताबिक सही सवाल पूछ रहे थे.
मैंने वहां से निकलते वक्त उन दोनों लड़कियों से कहा, ऐसा वक्त भी आयेगा, जब आप किसी नयी जगह जायेंगे और आप जानकारी के अभाव में किसी से ज्यादा सवाल पूछेंगे और वे भी आप पर ऐसे ही हंसेंगे. मुझे नहीं पता कि उन लड़कियों पर इस बात का असर पड़ा या नहीं, लेकिन सभी सेल्समैन, कर्मचारियों आदि से गुजारिश जरूर है कि कस्टमर्स को सम्मान दें. उनका मजाक न उड़ाएं.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– जब आप किसी कस्टमर का मजाक उड़ाते हैं, तो अन्य कस्टमर भी इसे नोट करते हैं. आपकी कंपनी के प्रति उनका सम्मान भी कम होता है.
– आज आपकी शॉप में सामने वाला कस्टमर बन कर आया है, कल आप किसी और की शॉप में कस्टमर बन कर जायेंगे. इस बात को समझें.
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