मीना/वाशिंगटन : सऊदी अरब में पवित्र शहर मक्का के समीप मीना में हज के दौरान गुरुवार को भगदड़ में तीन भारतीय समेत 717 लोगों की मौत हो गयी. 863 से अधिक घायल हुए हैं. इनमें झारखंड के महगामा निवासी मो रुस्तम अली की मौत की भी सूचना है. हज के दौरान एक दशक के सबसे भीषण हादसे में 21 भारतीयों के घायल होने की भी खबर है. इसमें एक लक्षद्वीप से और दो असम से हैं. विदेश मंत्रालय ने हालांकि किसी के मरने की पुष्टि नहीं की, लेकिन तेलंगाना स्टेट हज कमेटी के अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद के निकट रंगारेड्डी जिले की बीबी जान की मौत हो गयी है. उधर, पीटीआइ के मुताबिक, भगदड़ में केरल के त्रिशूर जिले के कोडुंगलूर निवासी मोहम्मद की मौत हो गयी. डेढ़ लाख भारतीयों समेत 20 लाख से अधिक लोग हज कर रहे हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वािशंगटन से ट्वीट किया कि वाणिज्य दूतावास स्थिति पर नजर रखे हुए है. भारतीय हज मिशन के डॉक्टरों को मीना और मक्का के अस्पतालों में तैनात किया गया है, ताकि पता किया जा सके कि क्या और भारतीय हताहत हुए हैं. इधर, सऊदी के नागरिक सुरक्षा प्रशासन ने बताया कि मीना में भगदड़ के बाद बचाव अभियान जारी है.
हादसा उस जगह हुआ, जहां श्रद्धालु तीन खंभों पर प्रतीकात्मक रूप से शैतान को कंकड़ मारने की रस्म में हिस्सा ले रहे थे. हादसा स्थल पर चिकित्सा दल लोगों की मदद में जुटा है. सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने कहा कि घटनास्थल पर सफेद कपड़े में लिपटे कई शव पड़े थे. जूते-चप्पल, छाता जैसी वस्तुएं बिखरी थीं. हादसे की जगह घायल ही घायल दिख रहे हैं. महिलाएं और वृद्ध चीख पुकार मचा रहे हैं. भगदड़ से प्रभावित इलाके में अफ्रीका और अरब देशों के हज यात्रियों के शिविर हैं.
कहां : अराफात पर्वत और मुख्य मसजिद के बीच बने जमारत पुल पर
कब : शैतान को कंकड़ियां मारने के दौरान भारतीय समय के अनुसार सुबह 11.30 बजे
-136000 से अधिक भारतीय इस वर्ष हज पर गये हैं
अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा : 25 वर्ष में 2602 मौतें
-1426 लोगों की मौत हुई थी 1990 में मक्का की एक सुरंग में भगदड़ में 270 लोगों की मौत हुई थी.
-1994 में कंकड़ मारने की रस्म के दौरान.
-340 लोगों की मौत हुई थी मीना के टेंट में आग लगने से, 1500 लोग हुए थे घायल.
-180 लोगों की 1998 में भगदड़ के दौरान एक पुल से गिरने से हो गयी थी मौत.
-35 यात्रियों की 2001 में हज के आखिरी दिन मीना में मची भगदड़ में हुई थी मौत.
-244 यात्रियों की वर्ष 2004 में हज के अंतिम दिन हुई मौत.
-364 लोगों की हुई थी मौत शैतान को कंकड़ मारने की रस्म के ही दौरान वर्ष 2006 में , जिसमें 51 भारतीय थे
-107 हज यात्रियों की मौत हुई इसी वर्ष मुख्य मसिजद अल हरम में क्रेन गिरने से
1. मो रुस्तम अली सरोतिया, महगामा, गोड्डा (झारखंड) :मक्का भगदड़ में महगामा प्रखंड अंतर्गत सरौतिया पंचायत के सेवानिवृत्त शिक्षक मो रुस्तम अली की भी मौत हो गयी. हज कमेटी के सदस्य इकरारूल हसन आलम ने बताया कि शकीला खातून ने उन्हें फोन कर अपने पति के इंतकाल होने की सूचना दी है. मो रुस्तम अली (पिता शेख कौशर अली) का जेआरएफ नंबर 704/15 है. उन्होंने 13 सितंबर को अपनी पत्नी के साथ जेद्दा के लिए उड़ान भरी थी.
2. मोहम्मद, त्रिसूर (केरल) :भगदड़ में केरल के मोहम्मद के मारे जाने का पता चला है. वह केरल के त्रिसूर जिले के रहनेवाले थे. केरल के प्रवासी केरलवासी मामलों के मंत्री केसी जोसेफ ने तिरुवनंतपुरम में यह जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि मोहम्मद एक निजी तौर पर प्रायोजित समूह के माध्यम से हज के लिए गये थे. घायलों में केरल की एक महिला भी शामिल है.
3. बीबी जॉन, हैदराबाद (आंध्रप्रदेश) : इससे पहले हैदराबाद की बीबी जॉन की भी भगदड़ में मारे जाने की सूचना है.
21 भारतीय घायल
लक्षद्वीप, केरल व असम के हज यात्रियों समेत 21 भारतीय के घायल होने की खबर
सदमे से रांची की हाजी गुलाबी बेगम का इंतकाल
मक्का में भगदड़ के बाद सदमे से रांची की गुलाबी बेगम की मौत हो गयी. वह सड़क मोहल्ला, लेक रोड की निवासी थी. अपने बेटे नेजाम के साथ हज पर गयी थी. उनका जेआरएफ नंबर 780-3-1 था.
भारतीय दूतावास का हेल्पलाइन नंबर : 00966125458000 व 00966125496000