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सीरियल्स के कपल्स से तुलना न करें
दक्षा वैदकर सीरियल्स का हमारी जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है. दिनभर टीवी पर चलनेवाले सीरियल्स की कुछ-न-कुछ बातें हमारे दिमाग में जरूर ठहर जाती हैं, फिर वह अच्छी हो या बुरी. भले ही लोगों ने सास-बहू वाले सीरियल देखना कम कर दिया हो, लेकिन ऐसे सीरियल लोग जरूर देखते हैं, जिसमें पति-पत्नी हो, थोड़ा […]
दक्षा वैदकर
सीरियल्स का हमारी जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है. दिनभर टीवी पर चलनेवाले सीरियल्स की कुछ-न-कुछ बातें हमारे दिमाग में जरूर ठहर जाती हैं, फिर वह अच्छी हो या बुरी. भले ही लोगों ने सास-बहू वाले सीरियल देखना कम कर दिया हो, लेकिन ऐसे सीरियल लोग जरूर देखते हैं, जिसमें पति-पत्नी हो, थोड़ा रोमांस हो, सजना-संवरना हो, सरप्राइजेज और गिफ्ट्स हों.
कुछ चीजें देखना और उन्हें आजमाना ठीक भी है, लेकिन हद तो तब हो जाती है, जब ये सभी चीजें लोग सीरियल में देखते हैं और उन्हें लगने लगता है कि काश, हमारे साथ भी ऐसा होता. सीरियल में दिखाते हैं कि पत्नी नाराज हो गयी. पति से बात नहीं कर रही, तो पति ऑफिस में बैठे-बैठे बुके भेजते हैं. पत्नी जब रात को घर के सारे काम निपटा कर कमरे में पहुंचती है, तो पूरा कमरा फूलों और कैंडल्स से सजा दिखता है.
पत्नी बर्थडे के दिन नहा कर जब बाहर आती है, तो उसे बेड पर सुंदर-सा ड्रेस, नेकलेस मिलता है. साथ में नोट भी होता है कि शाम को तैयार रहना. पतियों को भी सीरियल देख कर लगता है कि सीरियल की वाइफ शाम को कितना सज-संवरकर पति का इंतजार करती है. सरप्राइज डिश बना कर देती है.
मां का भी सम्मान करती है. ऐसे में जब कभी सच में पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो, बर्थडे हो या कुछ और हो, तो वे सीरियल की तरह उम्मीद करने लगते हैं कि उन्हें सामनेवाला उसी रोमांटिक तरीके से मनाये और जब रीयल लाइफ में ऐसा नहीं होता, तो हम उदास हो जाते हैं. हमें लगता है कि दुनिया का सबसे बोरिंग पति या कहें कि पत्नी हमें ही मिली है. हम चिड़चिड़े हो जाते हैं. दूर होने लगते हैं.
दरअसल, हमें यह समझना होगा कि यह सीरियल मात्र है. इसमें रोमांस नहीं दिखाया जायेगा, तो कोई सीरियल नहीं देखेगा, इसलिए जान-बूझ कर ऐसी सिचुएशन इसमें लायी जाती है. सीरियल की पत्नी ने दिनभर कितने में काम नहीं किया है. उसने शूटिंग की है. सीरियल में दिख रहा सजा-धजा कमरा, टेस्टी डिशेज उसने नहीं बनायी है. यहां तक कि इतना सुंदर मेकअप भी उसने नहीं किया है
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– सीरियल्स से थोड़ी बहुत चीजें सीख सकते हैं. कभी-कभी सरप्राइज देने में कुछ गलत नहीं है. बस याद रखें कि सीरियल्स की वजह से झगड़े न हो.
– सीरियल्स में जो भी किरदार है, वो जैसे भी दिखते हैं, उनका जैसा भी रहन-सहन है, जैसा भी स्वभाव है. वह सच नहीं है. इसे समझें.
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