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सिख-अमेरिकी पर हुए हमले के मामले में नहीं लगाये गये घृणा अपराध के आरोप

न्यूयार्क : अमेरिकी अधिकारियों ने 53 वर्षीय एक अमेरिकी सिख पर बर्बर हमला करने वाले किशोर के खिलाफ घृणा अपराध के आरोप नहीं लगाते हुए इसे ‘रोड रेज’ का मामला बताया है जिस पर सिख समुदाय के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है. शिकागो के डेरियन उपनगर में आठ सितंबर को हमलावर ने इंदरजीत सिंह […]

न्यूयार्क : अमेरिकी अधिकारियों ने 53 वर्षीय एक अमेरिकी सिख पर बर्बर हमला करने वाले किशोर के खिलाफ घृणा अपराध के आरोप नहीं लगाते हुए इसे ‘रोड रेज’ का मामला बताया है जिस पर सिख समुदाय के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है. शिकागो के डेरियन उपनगर में आठ सितंबर को हमलावर ने इंदरजीत सिंह मक्कड को ‘आतंकवादी’ और ‘बिन लादेन’ कहा था. डुपेज काउंटी स्टेट के अटॉर्नी रोबर्ट बर्लिन ने कहा कि विलोब्रूक के किशोर के खिलाफ गंभीर रूप से घायल करने के आरोप दर्ज किये गये हैं. उन्होंने इस घटना को ‘रोड रेज’ का मामला बताया.

मक्कड ने कहा, ‘मेरे साथ गत मंगलवार रात को जो हुआ वह घृणा की परिभाषा है.’ उन्होंने निर्णय पर गहरी निराशा जताते हुए कहा कि वह इससे ‘हैरान और निराश’ हैं. सिख कोअलिशन समूह ने कहा कि ‘घृणा अपराध के स्पष्ट सबूत’ और हमलावर के खिलाफ घृणा अपराध के आरोप लगाये जाने के संबंध में डेरियन पुलिस विभाग द्वारा पूरे सप्ताह जबानी संकेत दिये जाने के बावजूद आरोपी के मामले की सुनवाई जुवेलिन अदालत में होगी.

समूह ने कहा, ‘यह निराशाजनक निर्णय इलिनॉइस घृणा अपराध कानून के विपरीत है.’ सिख कोअलिशन की कानूनी निदेशक हरसिमरन कौर ने कहा कि ‘यदि आप घृणा अपराधों की मौजूदगी को पहचानने के इनकार करते हैं’ तो देश में इस समस्या से निपटा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘यह घोषणा हैरान करने वाली है और पूरी तरह से अस्वीकार्य निर्णय है. यदि इलिनॉइस इस प्रकार की गलती करता है जो हम मांग करते हैं कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की सिविल राइट डिवीजन और यूएस अटॉर्नी का कार्यालय संघीय घृणा अपराध कानून के तहत आरोपी के खिलाफ तत्काल मुकदमा चलाए.’

हरसिमरन ने कहा, ‘अपराध के नस्लीय तत्व को नजरअंदाज करने से एक स्पष्ट संदेश जाता है कि स्टेट के अटार्नी रोबर्ट बर्लिन समुदाय की सुरक्षा में रुचि नहीं रखते हैं.’ आरोपी ने मक्कड के चेहरे पर मुक्के मारे थे जिसके कारण उनके चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं. ड्यूपेज काउंटी ने कहा कि जब पुलिस आरोपी को पकडने आई तो उसने अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया और एक पुलिस अधिकारी के चेहरे पर मुक्का मारा.

बर्लिन ने कहा, ‘बचावकर्ता के खिलाफ लगाये गये आरोप बहुत गंभीर हैं. घटना में कथित रूप से शामिल दोनों पक्षों ने जो कुछ भी कहा या किया हो, लेकिन शारीरिक हमले को सहा नहीं जाएगा और इसके खिलाफ कानून की पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की जाएगी. लोगों को यह याद रखना होगा कि यदि सडक पर आपकी किसी से बहस हो जाती है तो आपको शांत रहना होगा और अपनी भावनाओं को हावी नहीं होने देना होगा.’

इस बीच सिख कोअलिशन के साथ मिलकर मक्कड के बच्चों कंवर सिंह मक्कड और बलजोत कौर ने लोगों से एक याचिका पर हस्ताक्षर करने की अपील करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से हमलावर के खिलाफ संघीय घृणा अपराध आरोप लगाने की मांग की है. मक्कड के बेटे ने एक बयान में कहा कि हमलावर के खिलाफ घृणा अपराध के आरोप नहीं लगाकर ड्यूपेज काउंटी स्टेट के अटॉर्नी का कार्यालय एक अलग संदेश दे रहा है.

मक्कड के बच्चों ने लिखा, ‘कार की एक खिडकी में से बार-बार मुक्के मारे जाने और नस्लीय टिप्पणियां किये जाने के बावजूद हमें अब यह बताया जा रहा है कि यह घृणा अपराध नहीं है बल्कि रोड रेज का मामला है.’ उन्होंने कहा, ‘आप इस याचिका में अपना नाम जोडकर विश्व को यह बताएंगे कि अमेरिका घृणा अपराध के खिलाफ मिलकर खडा है.’ याचिका पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया चालू होने के कुछ ही घंटों बाद करीब 250 लोगों ने इसका समर्थन किया.

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