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जागरूकता बढ़ी वोटिंग भी बढ़ेगा
वीएस दूबे पूर्व मुख्य सचिव, बिहार- झारखंड दिल्ली और दूसरे विकसित क्षेत्रों की तुलना में बिहार में वोटिंग प्रतिशत में कमी की मेरी दृष्टि में तीन बड़ी वजहें हैं. एक तो हमारे यहां कनेक्टिविटी (आवागमन की सविधाएं) कम हैं. दूसरा कि हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति उन इलाकों की तुलना में कमजोर है. हमारे यहां […]
वीएस दूबे
पूर्व मुख्य सचिव, बिहार- झारखंड
दिल्ली और दूसरे विकसित क्षेत्रों की तुलना में बिहार में वोटिंग प्रतिशत में कमी की मेरी दृष्टि में तीन बड़ी वजहें हैं. एक तो हमारे यहां कनेक्टिविटी (आवागमन की सविधाएं) कम हैं. दूसरा कि हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति उन इलाकों की तुलना में कमजोर है. हमारे यहां के बहुत बड़े तबके लिए वोट से ज्यादा अहमित पैसे कमाने को है. तीसरी वजह कास्ट पोलिटिक्स पैटर्न है.
जब यह लगने लगाता है कि किसी क्षेत्र में जाति के आधार पर किसी उम्मीदवार या दल की जीत पक्की है, तो दूसरे लोग वोट करने को लेकर उत्साहित नहीं रह जाते हैं, लेकिन यह परिस्थिति भी बदल रही है. पिछले तीन-चार चुनावों का अनुभव है कि वोट प्रतिशत बढ़ा है. शिक्षा, सामाजिक जागरूकता, कनेक्टिविटी के विस्तार और आर्थिक हालात बदल रहे हैं. अगले चार-पांच चुनाव के बाद यहां भी वोटिंग प्रतिशत तेजी से बढ़ेगा, इसकी पूरी संभावना है.
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