सहरसा. कुसहा का जिक्र कर एक बारगी प्रधानमंत्री मोदी ने हजारों तालियां बटोरी. संपूर्ण बिहार के विकास के लिए अलग पैकेज की घोषणा की, लेकिन दर्द का जिक्र कर मरहम के नाम पर कोई अलग घोषणा न होने से युवाओं के मन में थोड़ी टिस बांकी रह गयी. खजूरी परमानपुर से आये विकास ने कहा कि भाषण लाजवाब था, लेकिन हमारे गांव में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है. नरौआ के प्रवीण ने कहा ध्वस्त हो गयी संपूर्ण व्यवस्था और कुसहा के नाम पर मिलने वाली अधूरी योजनाओं पर कुछ खाली खाली लगा, पर कोई बड़ी बात मोदी के महान व्यक्तित्व के अनुरूप घोषणाओं के रूप में नहीं मिला.
स्थानीय विनय कृष्णा ने कहा कि सहरसा के लिए कुछ मिलेगा इस उम्मीद से आये थे. लेकिन कुछ भी नहीं मिला न ही किसी अन्य ने कोई घोषणा की. वीरपुर, करजाइन, सुपौल के क्रमश: स्वास्तिक, मो नूर, सुरेश ने कहा कि रेल महासेतु, वीरपुर में एम्स, सुपौल में इंजीनियरिंग कॉलेज की उम्मीद थी. लेकिन वह पूरा न हो सका. फिर भी यह उम्मीद है कि बिहार के मिलने वाली इस विशेष पैकेज से शायद कोसी को अलग से कुछ मिल जाय. भीड़ में युवा उद्यमी, युवतियों और महिलाओं की भी संख्या काफी थी. श्रुति सिन्हा ने कहा हमें तो उम्मीद थी कि सहरसा में चिर प्रतिक्षित उम्मीदों की बारिश होगी. ओवरब्रिज बनेगा.