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सरकार की चुनौती: 8 दिन में 11 विधेयक

ज़ुबैर अहमद बीबीसी संवाददाता, नई दिल्ली अगर कांग्रेस पार्टी का मक़सद संसद के मानसून सत्र में बाधा डालना है और इसे चलने नहीं देना है तो वो अब तक इसमें कामयाब नज़र आती है. कांग्रेस की कोशिश है कि आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद के आरोपों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और […]

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अगर कांग्रेस पार्टी का मक़सद संसद के मानसून सत्र में बाधा डालना है और इसे चलने नहीं देना है तो वो अब तक इसमें कामयाब नज़र आती है.

कांग्रेस की कोशिश है कि आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद के आरोपों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इस्तीफ़ा देने के लिए बाध्य करे.

हालांकि इसमें उसे कामयाबी मिलने के अब तक कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.

सोमवार को संसद में बोलते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सफ़ाई दी थी कि उन्होंने कभी ब्रितानी सरकार से ललित मोदी को ट्रेवल डॉक्यूमेंट देने के लिए अनुरोध नहीं किया.

कल कांग्रेस के आक्रामक रुख का नतीजा ये हुआ कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इसके 25 सांसदों को पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया.

स्पीकर ने कांग्रेस के इन सभी सांसदों का नाम लेते हुए कहा कि अगर उनका ये रवैया जारी रहा तो भविष्य में उन पर और सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

विपक्ष की एकता बढ़ी

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सुषमा स्वराज और ललित मोदी

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने स्पीकर के इस कदम को ‘पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी’ के इतिहास में एक काला दिन बताया.

सुमित्रा महाजन की इस कार्रवाई से विपक्ष में एकता बढ़ी है.

मोदी सरकार की कोशिश थी कि कांग्रेस के संसद न चलने देने के इरादे को नाकाम बना दे और इसे विपक्ष की दूसरी पार्टियों से अलग-थलग कर दे. सरकार इसमें अब तक नाकाम रही है.

निलंबित किये गए कांग्रेसी सांसदों के साथ एकजुटता दिखाते हुए आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने भी पांच दिनों के लिए लोकसभा के बहिष्कार का फैसला किया है.

कांग्रेस आक्रामक मूड में है. लोकसभा में इसके केवल 44 सांसद हैं लेकिन इसका हौसला बुलंद नज़र आता है.

कांग्रेस की रणनीति

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कांग्रेस की रणनीति है कि जब तक सुषमा स्वराज और राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते वो संसद को चलने नहीं देगी.

दरसल कांग्रेस बीजेपी के पुराने नुस्खे का बखूबी इस्तेमाल कर रही है. सरकार ने कांग्रेस पर जब संसद की कारवाही में बाधा डालने का इल्ज़ाम लगाया तो कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा बीजेपी भी विपक्ष में ऐसा ही करती थी.

कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार के आरोपों पर चुप्पी जारी है.

उनका कहना था कि ‘जब मोदी के साथियों पर आरोप लगता है तो मन की बात करने वाला शख्स मौनव्रत धारण कर लेता है.’

तीखा हमला

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वसुंधरा राजे और ललित मोदी

मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए सोनिया ने कहा, "आज हमें संसद की मर्यादा वो लोग सिखा रहे हैं जो कल तक संसद में लगातार हंगामा करते थे. ऐसे लोग अब बहस और चर्चा के चैंपियन बन गए हैं."

मानसून के सत्र के शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ पार्टी ने आक्रामक रुख अपनाने का इरादा किया था.

सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई लेकिन इस बैठक में कोई सुलह नहीं हो सकी. संसद को मानसून सत्र में 11 बिल पारित करने हैं जिन में जीएसटी बिल ख़ास है.

अब संसद के इस सत्र के 8 दिन बचे हैं. अब देखना है मोदी सरकार क्या रुख अपनाती है.

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