मालदा. किसी का पति बीमार है तो किसी का पति दूसरे राज्य में मजदूरी की तलाश में चला गया है. ऐसे में संसार चलाने के लिए घर की महिलाओं को ही रोजी-रोटी का इंतजाम करना पड़ रहा है. घर की महिलाएं बाजार में दुकान लगा कर सब्जी से लेकर मछली, मांस, चाय-पकौड़ा बिक्री करने में लग गयी है. सिर्फ यही नहीं बाहर के साथ साथ इन महिलाओं को घर के काम व बच्चों को भी संभालना पड़ रहा है.
इंग्लिशबाजार ब्लॉक के जदुपुर दो नंबर ग्राम पंचायत के गोपालपुर गांव की अधिकांश महिलाएं स्वनिर्भर बनने के लिए संग्राम कर रही हैं. तेज धूप, मूसलाधार बारिश व ठंड की उपेक्षा करते हुए ये महिलाएं सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे खाद्य सामग्रियों की दुकान लेकर बैठ जा रही हैं.
इन महिलाओं का कहना है कि उनके काम में पंचायत व प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही है. महिलाओं की सरकार से मांग है कि अगर उनके लिए गोपालपुर में एक पक्का व स्थायी बाजार बना दिया जाए तो अच्छा होगा. गोपालपुर महिला बाजार की वरिष्ठ महिला व्यवसायी गीता साहा ने बताया कि उनके घर में तीन बच्चे हैं. पति बीमार है. 20 सालों से वह बाजार में आलू, प्याज व सब्जी बेच रही हैं.
उनको देख कर कई महिलाएं इलाके में सब्जी बेचने लगी. अभी लगभग 50 महिलाएं बाजार में दुकानपाठ चला रही हैं. बाजार की अन्य महिलाओं के अनुसार, उनके पास बीपीएल कार्ड रहने के बाद भी स्वनिर्भर बनने के लिए कोई सरकारी सहायता नहीं मिली.
पंचायत व प्रशासन से बाजार में स्थायी शेड बना देने की मांग की गयी है. जदुपुर दो नंबर ग्राम पंचायत की तृणमूल प्रधान तालामयी टुडू ने बताया कि गोपालपुर इलाके में कई महिलाएं निजी पहल पर बाजार बना कर दुकानदारी कर रही हैं. उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है. इस बारे में पंचायत समिति व जिला परिषद को भी बताया गया है. कांग्रेस संचालित मालदा जिला परिषद की सभाधिपति सरला मूमरू ने बताया कि महिलाओं को स्वनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चालू की गयी है. मुरगी, बकरी आदि वितरण कर व मछली पालन पर जोर देकर महिलाओं को स्वनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि गोपालपुर की महिला बाजार के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी. उन्होंने वहां की स्थिति की जांच कर स्थायी रूप से बाजार में शेड बनाने के सिलसिले में पहल करने का आश्वासन दिया हैं.