यूं तो लोग अपने जीवनसाथी में कई तरह की खूबियां देखना चाहते हैं, लेकिन गोरापन एक ऐसी खूबी है, जिसकी चाहत दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. त्वचा की रंगत को जरूरत से ज्यादा महत्व देनेवाले भारतीय पुरुषों में पत्नी के गोरे होने की चाहत खासतौर से बढ़ रही है, जबकि युवतियों के लिए अपने पति का गोरा होना खास मायने नहीं रखता.
आधुनिकता के इस दौर में हमारा समाज खुद को चाहे कितना ही मॉडर्न या ब्रॉड माइंडेड क्यों न समङो, लेकिन वास्तविकता यही है कि आज भी हम उसी संकीर्ण मानसिकता के शिकार हैं, जिसमें महिलाओं के गुणों से ज्यादा महत्व उसकी रंगत को दिया जाता है. मेट्रिमोनियल वेबसाइट शादीडॉटकॉम ने वेबसाइट पर अपने जीवनसाथी की तलाश करनेवाले 150,000 उपभोक्ताओं पर सर्वेक्षण किया, जिसमें यह पाया गया कि 49 फीसदी पुरुष गोरी-चिट्टी महिलाओं से शादी करना चाहते हैं, जबकि 65 फीसदी महिलाओं के लिए पुरुषों की त्वचा का रंग कोई मायने नहीं रखता. वहीं इसी वेबसाइट द्वारा 2004 में किये गये सर्वेक्षण में गोरी दुल्हन पसंद करनेवाले उपभोक्ताओं का आंकड़ा 41 फीसदी देखा गया था. जाहिर है कि वक्त के साथ पुरुषों का गोरेपन की तरफ झुकाव बढ़ रहा है. इस विषय पर पाठकों की राय जानने के लिए हमने कुछ लोगों से बात की. आइए जानते हैं कि सर्वेक्षण में सामने आये आंकड़ों पर उन्होंने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की.
गुणों को फीका कर देती है रंगत
जमशेदपुर की कावेरी वर्मा इस तथ्य को पूरी तरह से स्वीकार करती हैं कि सुंदरता के मामले में लोग लड़कियों की रंगत पर विशेष ध्यान देते हैं. खास तौर से शादी के मामले में अधिकतर लोग गोरे रंग की लड़कियों को ही प्राथमिकता देते हैं. सुंदर लड़की का जिक्र करते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले गोरे रंग का ख्याल आता है. आज भी सांवले रंग के कारण न जाने कितनी लड़कियों की वक्त पर शादी नहीं हो पाती. लोग सांवली दुल्हन के लिए अधिक दहेज की मांग करते हैं. सांवले रंग के आगे युवती की सभी खूबियां बेमानी पड़ जाती हैं. वहीं अगर लड़की देखने में सुंदर और गोरी है तो उसकी खामियों को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती.
सुंदरता की पहली निशानी है गोरापन
दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाले गौरव त्रिपाठी कहते हैं कि मैं यह तो नहीं कहूंगा कि सांवली लड़कियां सुंदर नहीं होती, लेकिन यह सच है कि गोरा रंग लोगों का ध्यान जल्दी आकर्षित करता है. शायद यही कारण है कि लोग गोरेपन को सुंदरता की पहली निशानी के रूप में देखते हैं. इसी के चलते पुरुष खूबसूरत और आकर्षक महिला को अपनी जीवनसंगिनी बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. मगर मैंने शादी का फैसला करने के दौरान लोगों की इस पसंद को बदलते देखा है. यह फैसला सिर्फ रंगत को ध्यान में रख कर नहीं किया जाता.