मिडिल स्कूल के बच्चे पढ़ेंगे कम्यूनिकेटिव इंगलिश, पटना समेत छह जिलों में मिलेगी सुविधा
पटना : पढ़ाई में अच्छे हैं, पर अंगरेजी नहीं आती. इस कारण कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता नहीं मिल पाती है. ऐसे में घबराएं नहीं, क्योंकि जल्द ही आपकी अंगरेजी बोलने व समझने में आने की समस्या दूर होगी. बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओरसे बिहार में पहली बार माध्यमिक स्कूलों में कम्यूनिकेटिव इंगिलश पढ़ने की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इसमें आइटी के शिक्षक जहां बच्चों को इंटरनेट से जोड़ने का काम करेंगे, वहीं दूसरी ओर अंगरेजी के शिक्षक खुद सीखने के बाद बच्चों को अंगरेजी बोलना और लिखना सिखायेंगे.
छह जिलों के 100 स्कूलों का चयन
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत पटना समेत छह जिलों से की जायेगी. इनमें वैशाली, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, दरभंगा व पटना जिले का चयन किया गया है. प्रत्येक जिले के 16 से 20 स्कूलों के शिक्षकों को अंगरेजी की ट्रेनिंग दी जायेगी, ताकि बच्चे अंगरेजी फ्रेंडली बन सकें. उन्हें कम्यूनिकेटिव इंगलिश की जानकारी दी जायेगी. इसमें शिक्षक बच्चों को अंगरेजी में बोलना और सुनना सिखायेंगे, ताकि बच्चों को अंगरेजी की बेसिक जानकारी मिल सके.
तैयार हो रहा मॉड्यूल
इसके लिए एससीइआरटी द्वारा माड्यूल तैयार किया जा रहा है. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के टीम द्वारा दूसरे राज्यों का दौरा किया गया है. इसमें खास तरीके से शैक्षणिक एनजीओ की मदद ली जा रही है. साथ ही इसके लिए स्कूलों के शिक्षकों व हेडमास्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. अगस्त में इसे सभी स्कूलों में शुरू कराया जायेगा.
पहला प्रयास
पहली बार बिहार के स्कूलों में क म्यूनिके टिव अंगरेजी के कांसेप्ट को लागू किया जा रहा है. वर्तमान में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छह जिलों में शुरू किया जा रहा है. सफल होने के बाद अन्य जिलों में शुरू किया जायेगा. इससे बच्चों को काफी मदद मिलेगी.
किरण कुमारी, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद