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अंतरिक्ष में विकिरण का छल्ला

हमारी पृथ्वी के इर्द–गिर्द विकिरण का एक असामान्य छल्ला पाया जाता है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस छल्ले की खोज वर्ष 1958 में ही कर ली थी, लेकिन उस समय वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के बाहरी आवरण के किनारों पर उच्च आवेशित कणों के डॉनट (तले आटे का अमेरिकी खाद्य पदार्थ जो आम तौर पर बहुत मीठा […]

हमारी पृथ्वी के इर्दगिर्द विकिरण का एक असामान्य छल्ला पाया जाता है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस छल्ले की खोज वर्ष 1958 में ही कर ली थी, लेकिन उस समय वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के बाहरी आवरण के किनारों पर उच्च आवेशित कणों के डॉनट (तले आटे का अमेरिकी खाद्य पदार्थ जो आम तौर पर बहुत मीठा होता है) आकार के दो ही छल्लों की खोज की थी.

इस वर्ष फरवरी में वैज्ञानिकों की एक टीम ने विकिरण के एक तीसरे छल्ले की खोज कीजो अन्य दोनों छल्लों के मुकाबले पतला है. सितंबर, 2012 में वैज्ञानिकों ने पहले खोजे गये भीतरी और बाहरी छल्ले के बीच इसे एक माह तक देखा था. साइंस डेली की एक खबर में बताया गया है कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इसके मॉडल को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है.

इसमें दर्शाया गया है कि इन उच्च ऊर्जावाले कणों की भौतिक प्रक्रिया अलगअलग तरह की है. इलेक्ट्रॉन ऊर्जा से भरा हुआ यह क्षेत्र पृथ्वी की सतह से 1,000 से 50,000 किमी के दायरे में फैला हुआ है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से उपग्रहों को अंतरिक्ष में विकिरण से होनेवाले किसी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकेगा.

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