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आपसी भरोसे की पुनर्बहाली को राजी हुए भारत-चीन

प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय चीन दौरे के पहले और दूसरे दिन क्रमश : वहां के राष्‍ट्रपति शी जिंनपिंग व प्रधानमंत्री ली केक्यांग से वार्ता की. चीन के दोनों शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और बहुप्रतीक्षित सीमा विवाद की दिशा में आगे बढने का भरोसा दिलाया. दोनों […]

प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय चीन दौरे के पहले और दूसरे दिन क्रमश : वहां के राष्‍ट्रपति शी जिंनपिंग व प्रधानमंत्री ली केक्यांग से वार्ता की. चीन के दोनों शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और बहुप्रतीक्षित सीमा विवाद की दिशा में आगे बढने का भरोसा दिलाया. दोनों देशों के बीच आपसी विश्‍वास को मजबूत करने पर जोर दिया गया साथ ही 10 बिलियन डॉलर से अधिक के समझौते हुए.

प्रधनमंत्री मोदी की चीन के प्रधानमंत्री से वार्ता

बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली केक्यांग के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों नेताओं की मौजूदगी में भारत व चीन के बीच 24 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये गये. इन समझौतों के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्‍त बयान जारी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में इस साल जून में नाथूला दर्रा मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा की शुरूआत की बात कही वहीं चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन सीमा विवाद के हल के लिए वार्ता को तैयार हुए हैं. हम दोनों पक्ष स्‍पष्‍ट जिम्‍मेवार व दोनों पक्षों को स्‍वीकार्य समझौते तक पहुंचने के लिए वार्ता करेंगे. दोनों नेताओं की मौजूदगी में लगभग 10 बिलियन डॉलर के अधिक के समझौते हुए हैं. दोनों देश एकदूसरे के यहां कॉन्‍सुलेट जनरल का दफ्तर खोलने को राजी हुए है. चीन जहां चेन्‍न्‍ई में य‍ह दफ्तर खोलेगा वहीं भारत चीन के चेंगडू शहर में यह दफ्तर खोलेगा.

प्रधानमंत्री की राष्‍ट्रपति शी से वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आपसी ‘विश्वास’ मजबूत बनाने और भारत एवं चीन की सीमाओं पर शांति बनाये रखने के बारे में ‘बहुत ठोस’ चर्चा के बाद गुरुवार की रात बीजिंग पहुंचे. यहां शुक्रवार को ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में चीन के पीएम ली केक्यांग के साथ सीमा, व्यापार असंतुलन समेत परस्पर हित के तमाम मामलों पर विचार करेंगे. चीनी निवेशकों को ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में भागीदार बनने का न्योता भी दे सकते हैं.

इससे पहले मोदी-शी के बीच शियान शहर में राजनीतिक, आर्थिक, आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता जैसे वैश्विक मुद्दों पर ‘बहुत ठोस’ चर्चा हुई. पहली बार किसी चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग से बाहर इस स्तर की चर्चा की है.

आज प्रधानमंत्री बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष ली केक्यांग के साथ वार्ता करने के बाद शंघाई जायेंगे, यहां वे औद्योगिक हस्तियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे साथ ही फ्यूडन विश्वविद्यालय में पहले महात्मा गांधी पीठ का उद्घाटन करेंगे. वे भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे.

इस संबंध में विदेश सचिव एस जयशंकर ने मीडिया को 90 मिनट तक चली शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता की जानकारी दी. हालांकि, कोई सवाल नहीं लिये. विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दों के बारे में चर्चा की, जिसमें शांति एवं स्थिरता का विषय शामिल है. सीमा के आर-पार बहनेवाली नदियों के बारे में भी चर्चा हुई. सीमा मुद्दा एशिया के इन दो महत्वपूर्ण देशों के बीच बाधाकारी बिंदु रहा है. दोनों देश विशेष प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता के जरिये इसे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. 18 दौर की वार्ता हो चुकी है. चीन का कहना है कि सीमा विवाद 2000 किमी तक सीमित है, जिसका अधिकांश भाग अरुणाचल में है. वहीं, भारत जोर देता है कि विवाद पश्चिमी क्षेत्र तक 4,000 किमी क्षेत्र में है, जिसमें अक्साई चिन शामिल है, जो पाकिस्तान की ओर से चीन को दिया गया.

शियान में हुआ पीएम का शानदार स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन की चीन यात्रा के पहले पड़ाव पर गुरुवार सुबह प्राचीन शहर शियान पहुंचे. यहां उनका शानदार स्वागत किया गया. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सामान्य प्रोटोकॉल से हट कर अपने गृह नगर शियान में मोदी के साथ बैठक की. आमतौर से चीन के राष्ट्रपति राजधानी बीजिंग में ही विदेशी मेहमानों से मिलते हैं. इसे चीनी नेता की ओर से उस आचार व्यवहार का प्रत्युत्तर माना जा रहा है, जैसा शी की भारत यात्रा के दौरान मोदी ने अहमदाबाद में उनकी मेजबानी करते हुए किया था.

कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा

वैश्विक आतंकवाद

गुरुवार को काबुल में और बुधवार को कराची में हुए आतंकवादी हमलों के संदर्भ में आतंकवाद की समस्या परचर्चा की.

भारत और चीन के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की गयी

मोदी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि पर बातचीत को जल्द पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया, जो काफी समय से संयुक्त राष्ट्र में लंबित है.

आर्थिक मोरचा

व्यापार घाटा, जो अभी चीन के पक्ष में है, को सुलझाने के रास्ते तलाशेंगे

निवेश के माहौल एवं सुधार से जुड़ी चुनौतियों पर की चर्चा

जिनपिंग ने आर्थिक मोरचे पर ‘गुजरात के चमत्कार’ की चर्चा की. कहा कि वह अब प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसे प्रयास कर रहे हैं.

संपर्क और सहयोग

मोदी और जिनपिंग ने संपर्क एवं दोनों देशों के मिल कर काम करने के रास्ते तलाशने के बारे में भी चर्चा की.

नेपाल में विध्वंसकारी भूकंप का विषय भी उठा, दोनों ने चर्चा की कि भारत और चीन कैसे पड़ोसी देश की मदद के लिए आगे आएं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत के प्रयासों के बारे में भी चर्चा हुई.

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