दक्षा वैदकर
टीवी पर एक टेलीकॉम कंपनी का विज्ञापन आता है. यह बहुत ही भावुक कर देनेवाला है. इसमें एक बुजुर्ग को ऑफिस में अपना सामान पैक करते हुए दिखाया जाता है.ऑफिस की ही एक महिला कर्मचारी उन्हें सामान पैक करते देखती है और पूछती है, क्या डेस्क चेंज हो रहा है? बुजुर्ग जवाब देते हैं, नहीं.. आज ऑफिस में मेरा आखिरी दिन है. आज मैं रिटायर हो रहा हूं.
बुजुर्ग के चेहरे पर ऑफिस छोड़ने की उदासी साफ नजर आ रही थी. वह महिला आसपास मौजूद सभी लोगों को देखती है. सभी अपने-अपने काम में व्यस्त नजर आते हैं. उसे बहुत बुरा लगता है. वह बुजुर्ग से कहती है, क्या मैं आपके साथ एक फोटो खिंचवा सकती हूं? दोनों मोबाइल में एक सेल्फी लेते हैं. वह चली जाती है, और वह सेल्फी वाली तसवीर ऑफिस के सभी लोगों को व्हॉट्सएप्प से भेजती है और बताती है कि आज ये बुजुर्ग रिटायर हो रहे हैं.
सभी कर्मचारी तुरंत हरकत में आते हैं. सेल्फ ी से बुजुर्ग की तसवीर को अलग कर वे उसे बड़े फ्रेम में करवाते हैं और सभी उसमें प्यार भरे मैसेज लिखते हैं. जब बुजुर्ग अपने सामान के साथ सीढ़ियों से नीचे उतरते हैं, तो सभी कर्मचारियों को अपने सामने पाते हैं.
कोई गिटार बजाता है, तो कोई तालियां बजाता है. एक लड़की आ कर उन्हें पौधा गिफ्ट करती है. सभी मिल कर उन्हें वह फोटोगिफ्ट करते हैं, जिसमें सभी के संदेश लिखे हैं. बुजुर्ग की आंखों में आंसू आ जाते हैं. वह उस महिला को थैंक्यू कहते हैं, जिसने वह फोटो खींचा था और यह सब अरेंजमेंट किया.
यह विज्ञापन सीख देता है कि लोगोंकी भावनाओं को समङों. उन्हें सरप्राइज दें. उन्हें बताएं कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं. भले ही आपके लिए सामनेवाले की रिटायरमेंट कोई मायने नहीं रखती, लेकिन उस इंसान केलिए यह बहुत दु:ख का पल है, क्योंकि वह उस स्थान को छोड़ रहा होता है, जहां उसने कई साल बिताये. कई यादें उस जगह से जुड़ी होती हैं.
बात पते की..
खुद को सामनेवाले की जगह रख कर सोचने की आदत विकसित करें. आप बेहतर इनसान बन पायेंगे.
लोगों को उनके जन्मदिन, रिटायरमेंट जैसे खास दिनों में स्पेशल महसूस कराएं. उन्हें खुशी देकर आप बहुत दुआएं कमा लेंगे.