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आतंकवाद का समर्थन करने वाले मदरसों के खिलाफ शख्त कार्रवाई करें : नवाज शरीफ

इस्लामाबाद : मसजिदों पर सिलसिलेवार घातक हमलों की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह देश में चरमपंथ और आतंकवाद में शामिल मदरसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. बलूचिस्तान एपेक्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कल शरीफ ने कहा कि किसी भी आतंकी अथवा उग्रवादी […]

इस्लामाबाद : मसजिदों पर सिलसिलेवार घातक हमलों की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह देश में चरमपंथ और आतंकवाद में शामिल मदरसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. बलूचिस्तान एपेक्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कल शरीफ ने कहा कि किसी भी आतंकी अथवा उग्रवादी संगठन को बख्शा नहीं जाना चाहिए. इस समिति का गठन दक्षिण पश्चिमी प्रांत में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए हाल ही में किया गया था.

पेशावर स्कूल में हुए भयावह जनसंहार के बाद इन समितियों का गठन पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में भी किया गया. पेशावर स्कूल के उस जनसंहार में 150 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर छात्र थे. शरीफ ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त मदरसों और संगठनों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद और चरमपंथ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

द डॉन के अनुसार, शरीफ ने प्रांतीय सरकारों से कहा कि वे राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) को लागू करें और आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय कार्य योजना के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें कड़े फैसले लेने होंगे.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाना चाहिए और जो आतंकी और आतंकी समूह सरकार के साथ शांति वार्ता करने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा.

पाकिस्तान के समक्ष यह दुविधा है कि देश में ताकतवर मुल्लाओं द्वारा चलाए जा रहे हजारों मदरसों से निपटा कैसे जाए ? ऐसी खबरें हैं कि इनमें से कई मदरसे चरमपंथ से संबद्ध हैं और कुछ आतंकियों को शरण दे रहे हैं या जेहादी भेज रहे हैं. धार्मिक स्कूलों को समर्थन देते हुए शरीफ ने ये संकेत दिए हैं कि आतंकवाद में संलिप्त धार्मिक स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई की नहीं गयी है.

कल रावलपिंडी की एक शिया मस्जिद में एक तालिबान आतंकी के हमले में कम से कम तीन लोग मारे गए थे. यह हमला सांप्रदायिक हिंसा का सबसे हालिया मामला है. 30 जनवरी को पाकिस्तान के सिंध पं्रात में जुम्मे की नमाज के दौरान ऐसा ही एक आत्मघाती बम हमला किया गया था, जिसमें बच्चों समेत 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे. हमले के दो सप्ताह बाद तालिबान के आत्मघाती बम हमलावरों ने पाकिस्तान के पेशावर प्रांत में खचाखच भरी शिया मस्जिद पर हमला बोल दिया था. इस हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

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