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सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान क्रिकेट हेलमेट पहन कर रहें है सरहदों की हिफाजत

हथियार घातक हो तो यह हेलमेट किसी काम की नहीं मुश्ताक खान कोलकाता : सचिन, सौरभ और कोहली जैसे क्रिकेटरों ने अपने बल्ले से न जाने कितने रिकॉर्ड बनाये हैं, पर क्रिकेट की दुनिया में इतने वर्ष से धूम मचाने के बावजूद इन दिग्गजों यह नहीं मालूम होगा कि बल्लेबाजी के दौरान गेंद के प्रहार […]

हथियार घातक हो तो यह हेलमेट किसी काम की नहीं

मुश्ताक खान

कोलकाता : सचिन, सौरभ और कोहली जैसे क्रिकेटरों ने अपने बल्ले से न जाने कितने रिकॉर्ड बनाये हैं, पर क्रिकेट की दुनिया में इतने वर्ष से धूम मचाने के बावजूद इन दिग्गजों यह नहीं मालूम होगा कि बल्लेबाजी के दौरान गेंद के प्रहार से जो हेलमेट उन्हें बचाता है, वही हेलमेट देश की सरहदों की हिफाजत में भी जवानों का साथ दे रहा है.

पढ़ने व सुनने में भले ही यह अजीब लगे, पर यह सच्चई है. अगर इस सच्चई की पड़ताल करनी है तो आप पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश की किसी भी सीमा पर चले जाइये, वहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बहादुर जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सिर पर क्रिकेट का हेलमेट पहने सीमा पर पहरा डाले नजर आ जायेंगे.

बीएसएफ के इन जवानों ने क्रिकेट के शौक के तहत हेलमेट नहीं पहना है, बल्कि उनका मकसद पशु तस्करों के हमले से अपने सिर की हिफाजत करनी है. नाम नहीं छापने की शर्त पर बीएसएफ के एएसआइ ने बताया कि अन्य किसी देश की सीमा पर किसी बीएसएफ के जवान के सिर पर हेलमेट नजर नहीं आयेगा. यहां तक कि त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी यह नजारा नजर नहीं आता है, पर बंगाल में स्थिति काफी दूसरी है.

पिछले चार-पांच वर्ष से हम लोग क्रिकेट हेलमेट पहन रहे हैं. उन्होंने बताया कि पशु तस्कर जब सीमा पार करते हैं तो उनका एक ग्रुप झोले में पत्थर ले कर चलता है और सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान पर हमला कर देता है. रात के अंधेरे में कहीं से आया कोई पत्थर का टुकड़ा किसी को भी घायल कर सकता है. कभी वह डंडे से भी हमले कर देते हैं. इनसे बचाव के लिए हम लोगों ने हेलमेट पहनना शुरू किया है, पर अगर हथियार घातक हो तो यह हेलमेट किसी काम नहीं आता है.

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि हेलमेट की खरीदारी के लिए सरकार हमें अलग से कोई फंड प्रदान नहीं करती है, बल्कि हम लोग जरूरत के लिए दिये गये फंड से कुछ रुपये बचा कर बाजार से हेलमेट खरीदते हैं. यह वह हेलमेट नहीं है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रिकेटर्स इस्तेमाल करते हैं, अगर कोहली, धौनी इत्यादि को यह हेलमेट पहना दिया जाये तो उनके सिर का तो खुदा ही निगेहबान होगा. सरहदों की हिफाजत के लिए अपनी जान को खतरे में डालने वाले बीएसएफ के जवानों के सिर पर सजने वाले हेलमेट बाजार में बिकने वाले आम हेलमेट हैं, जिन्हें बच्चे अपना क्रिकेट का शौक पूरा करने के लिए खरीदते हैं.

बीएसएफ के जवान ने बताया कि पाकिस्तान सीमा पर तो हमें पता है कि यहां हर वक्त जान को खतरा है, पर बांग्लादेश सीमा पर तो हमें अपनी जान देकर बांग्लादेश की दोस्ती की कीमत चुकानी पड़ रही है. पहले तस्कर हमारी आवाज सुनते ही भाग उठते थे, पर अब उन्हें हमारी कोई परवाह नहीं है, उल्टे हमें उनसे डर कर ड्यूटी करनी पड़ती है.

यह स्थिति 2012 से बनी है, जब से सरकार ने बांग्लादेश सीमा पर गोली चलाने से हमें एक तरह से मना कर दिया है. वहां सीमा पर तैनात बीएसएफ वालों के हाथों में पीएजी (पंप एक्शन गन) थमा दिया गया है, जिससे निकलने वाला छर्रा किसी को घायल तो कर सकता है, पर जान जाने का खतरा न के बराबर होता है. जब सामने वाले को पता है कि सामने वाला हमारी जान नहीं लेगा तो वह फिर हमसे क्यों डरेगा. डरना तो हमें पड़ गया है, जो सुनसान इलाके में मौसम की परवाह किये बगैर अपने देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार खड़े हैं.

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