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HUG DAY : अपनों को आज दें एक ‘जादू की झप्पी’

HUG DAY : इस दिन लोग अपनों को जादू की झप्पी दे कर जताते हैं प्यार दुख हो या सुख, हर किसी को रहता है अपनों का इंतजार जो हमें प्यार करे पटना : जब इंसान अकेला होता है, उसे अपनों का इंतजार होता है, जब कोई खुशी में झूमता रहता है, तो उसे अपनों […]

HUG DAY : इस दिन लोग अपनों को जादू की झप्पी दे कर जताते हैं प्यार

दुख हो या सुख, हर किसी को रहता है अपनों का इंतजार जो हमें प्यार करे

पटना : जब इंसान अकेला होता है, उसे अपनों का इंतजार होता है, जब कोई खुशी में झूमता रहता है, तो उसे अपनों का इंतजार होता है और जब इंसान गम में डूबा रहता है, तब भी अपने खास लोगों का ही इंतजार होता है.

इन सभी पलों में जब अपने पास आते हैं, तो लोगों को उन्हें गला मिलने का मन करता है. इसलिए प्यार के इस मौसम में एक दिन हग डे के नाम से मनाया जाता है. इसलिए लोगों का मानना है कि खुशी हो या गम ऐसे पल में, जब अपनों से गले मिलते हैं, तो एक सुकून मिलता है. यह सुकून सिर्फ कपल या लव बर्डस को नहीं बल्कि फ्रेंड्स और फैमिली मेंबर्स में भी होता है.

कई लोग अपनी मां से गले मिलते हैं. कुछ लोग अपने फ्रेंड्स से. गले मिलने का यह सिलसिला हर रिश्तों में होता है. इसलिए वेलेंटाइन वीक में कई लोग अपनों से गले मिल कर रिश्तों में सुकून लाते हैं. हमने शहर के कुछ लोगों से जाना कि क्या होता है, जब कोई अपना आ कर गले मिलता है और अपना प्यार हम पर लुटाता है.

जब बच्चे पर ममता आती है, तो गले लगा लेती हूं

ममता का मतलब ही गले लगाना होता है. शायद यही वजह है कि छोटे से बच्चे को भी मां, जब सीने से लगाती है, तो बच्चे का रोना बंद हो जाता है. इसलिए गले लगा कर प्यार और स्नेह भी बांटा जाता है.

इस बारे में गोरियो टोली की सरिता कहती हैं कि, जब पार्टी के दौरान मैंने अपनी बहन के बेटे को पांच साल के बाद देखा, तो ऐसा लगा सबसे पहले उसे गले मिल कर अपना स्नेह दूं. बच्चे के लिए मां का गले मिलना सबसे जरूरी होता है. इसलिए वेंलेटाइन के इस हग डे में लोग अपने बच्चे को हग करते हैं.

एक-दूसरे को देख खुद ब खुद गले लग जाते हैं

हग डे के बारे में शताब्दी और प्रियंका का कहना है कि जरूरी नहीं कि वेलेंटाइन में लोग अपने ब्वाय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड को हग करें. हग, तब किया जाता है, जब किसी के लिए फिलिंग हो और यह फिलिंग किसी के लिए भी हो सकती है.

मां, भाई, बहन, फ्रेंड हर रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए हग किया जाता है. वहीं सुरभि और स्मृति कहती हैं कि जब हम बहुत दुखी होते हैं या खुश होते हैं, तो लगता है कि अपने फ्रेंड को टाइट हग कर सभी सुख-दुख को आपस में बांट लूं.

एक दूसरे से गले मिल कर दोस्ती करते हैं.

अक्की और आशी रिश्ते में भाई-बहन हैं. उम्र भले ही छोटी है, लेकिन इन्हें भी हग करने के मायने मालूम हैं. इसलिए दोनों आपस में हमेशा लड़ाई करते हैं. एक दूसरे को अपनी छोटी-सी गाड़ी से उतार देते हैं.

कभी दोनों एक गाड़ी में ही बैठ कर साथ में चलते हैं. साथ ही, जब दोनों की आपस में नहीं बनती है, तो दोनों खूब लड़ते भी हैं. लेकिन जब दोनों में से कोई एक रोता रहता है, तो दूसरा उससे हग कर लेता है. बच्चे भी एक-दूसरे को अपना प्यार जताते हैं. हग करने के बाद दोनों फिर से खेलने लगते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो. अक्की के बारे में मानवेंद्र कहते हैं कि मेरा बेटा, जब भी अकेला महसूस करता है, मैं अपनी भांजी आशी को ले आता हूं.

महीनों बाद फ्रेंड्स से मिली, तो कर लिया हग

कहते हैं किसी रिश्ते में नजदीकी लाने के लिए थोड़ी दूरियां भी जरूरी हैं. इसलिए, जब फ्रेंड्स महीनों से नहीं मिले हों, तो उनसे मिलने का एक अलग एक्साइटमेंट होता है. कुछ यही हाल देखने को मिला मगध महिला कॉलेज में, जब राजबाला, स्मृति और निशा पिछले एक महीने के बाद अपनी फ्रेंड्स से मिलीं. इसलिए तीनों एक-दूसरे को देख इतने एक्साइटेड हो गये कि उन्होंने आपस में गला मिल लिया. इस बारे में वे कहती हैं कि मुङो अपने फ्रेंड्स से हग करने मे मन को शांति मिलती है. ऐसा लगता है जैसे सारे टेंशन खत्म हो गये. अपनों का एहसास हग करने पर ही पता चलता है.

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