पटना: ‘प्लीज मैम मुङो बचाइए. मैं शिक्षिका हूं. स्कूल में पढ़ाती हूं और मैं पागल नहीं हूं. लोग मुङो पागल साबित करने में लगे हैं. मेरी मदद कीजिए.’ कुछ इसी तरह की शिकायत शुक्रवार को एक महिला ने राज्य महिला आयोग में दर्ज करायी. किशनगंज से आयी शिक्षिका ने बताया कि वह किशनगंज स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षिका है. वह वर्ष 2007 में बहाल हुई थी. तभी से स्कूल व गांव वाले लोगों की बुरी नजर मुझ पर है.
इसी बीच स्कूल के लोगों द्वारा बताये लड़के विष्णुदेव से वर्ष 2008 में मेरी शादी कर दी गयी. इससे वहीं रह कर मैं स्कूल में पढ़ाने लगी. कुछ दिनों बाद अक्सर मुङो तंग किया जाने लगा. मुङो झूठे आरोप में फंसा कर मेरे पति और ससुराल वालों के बीच बदनाम तक किया गया. इससे पति ने दूसरी शादी कर मुङो छोड़ दिया है.
पीड़िता ने कहा कि स्कूल से मुङो निकालने के लिए मुङो पागल बनाया जा रहा है. स्कूल जाने पर लोग पागल बताने लगते हैं. इससे पूरे गांव में लोग मुझसे बात नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एक वर्ष से मैं स्कूल नहीं जा रही हूं. पति ने मुङो घर से निकाल दिया है. उन्होंने बताया कि मेरा दस साल का बेटा है. मैं उसे अपने साथ रखना चाहती हूं. मैं स्कूल में पढ़ाना चाहती हूं, ताकि अपना और अपने बेटे का लालन-पालन कर सकूं.
कमजोर समझ कर रहे तंग
आयोग की सदस्या सविता नटराज ने मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए शिक्षक बहाली प्रक्रिया की पूरी जानकारी ली. वहीं शिक्षिका के पति विष्णुदेव को सम्मन भेजा गया. सविता नटराज ने बताया कि शिक्षिका पूरी तरह से स्वस्थ है. वह पिछड़े वर्ग की है. उसे कमजोर समझ स्कूल की ओर से तंग किया जा रहा है. पति भी सारे पैसे लेकर अब उसे नहीं रखना चाह रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल व पति को आयोग में बुलाया गया है.