विधानसभा क्षेत्र के जिद्दू गांव की 105 साल की मुनिया देवी भी मंगलवार को मतदान करने आयी थी. मतदान करने आयी मुनिया के हौसले को शहरी आबादी ने पस्त कर दिया. कांके रोड के जवाहर नगर स्थित एक बूथ में 11 बजे तक मात्र 51 मत पड़े थे. कई स्थानों पर शुरुआती समय में इवीएम खराब होने के कारण समय से मतदान शुरू नहीं हो पाया. सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था के कारण सभी जगह उत्साह रहा. खलारी में बूथ संख्या 21, 25, 10 और 11 में करीब एक घंटे विलंब से मतदान शुरू हुआ.
पिठोरिया के करीब चरदी गांव में भी इवीएम खराब होने की सूचना रही. कांके चुड़ी टोला स्थित एसपीजी मिशन में दो बार इवीएम खराब हो गयी थी. इस कारण कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस बल के साथ हल्की झड़प भी हुई. वहीं कदमा व खलारी में भी वीवी पैट खराब हो जाने के कारण कुछ देर के लिए मतदान रोकना पड़ा. बाद में मशीन को ठीक कराकर मतदान शुरू कराया गया. मतदान केंद्रों पर नि:शक्त वोटरों में भी काफी उत्साह दिखा. बालिका उच्च विद्यालय बरियातू में अनिल उरांव व रामटहल उरांव भी वोट देने आये. दोनों नि:शक्त थे.
उनका कहना था कि राज्य की तसवीर बदलने और मजबूत सरकार के लिए वे अपना वोट देने आये हैं. अनिल उरांव व्हील चेयर से आये थे. रामटहल बैशाखी के बल चलकर मतदान केंद्र तक आये. कोकर स्थित अधिकांश मतदान केंद्रों पर 12 बजे तक मतदाताओं की लंबी कतार थी. लेकिन, दोपहर बाद मतदान केंद्र खाली हो गया. राजकीय मध्य विद्यालय चंदवे में दोपहर एक बजे के करीब तक 60 फीसदी से अधिक मतदान हो गया था. वहां महिलाओं की लंबी कतार थी. संग्रामपुर स्थित मतदान केंद्र में महिला और पुरुषों की लंबी-लंबी कतार दिखी.
कांके प्रखंड के संग्रामपुर में भूखे रहे सुरक्षाकर्मी
खलारी में कईमतदान केंद्रों में नहीं थी बिजली की व्यवस्था मोरहाबादी की वीणा की परची में दूसरी महिला का फोटो था और लिंग में पुरुष प्रिंट किया हुआ था. मतदान केंद्रों पर नि:शक्त वोटरों में काफी उत्साह देखा गया
..दीदी पी लीजिए अच्छी चाय बनी है
मॉडल मतदान केंद्रों पर गत चुनाव में शरबत मिला था. इस बार चाय की व्यवस्था की गयी थी. कोकर स्थित संत अलबर्ट हाई स्कूल भी मॉडल मतदान केंद्र में चिह्नित था. यहां मतदाताओं को चाय पिलायी जा रही थी. शुरुआत में लोग चाय पीने से कतरा रहे थे. उनका कहना था कि पिछली बार शरबत अच्छा नहीं था. इस बार चाय भी उसी तरह की होगी.
तभी एक महिला ने चाय की चुस्की लेते हुए अपनी गोतनी से कहा कि चाय पी लीजिए, बढ़िया है. ऐसी चाय तो घर में भी नहीं बनती. यह सुन वहां खड़ी अन्य महिलाओं ने भी चाय के कप के लिए हाथ बढ़ा दिया. केंद्र पर लोगों को चाय के साथ-साथ गुलाब का फूल भी दिया जा रहा था. इसके अलावे अन्य और मॉडल बूथों पर भी चाय की व्यवस्था थी. पानी की व्यवस्था नहीं थी. एक केंद्र पर जब एक व्यक्ति ने पानी मांगा, तो मनमाने ढंग से उनसे कहा गया कि ठंड के कारण पानी की व्यवस्था नहीं की गयी है. कुछ लोग बिना चीनी की चाय की भी मांग कर रहे थे, पर उनके लिए अलग से इसकी व्यवस्था नहीं की गयी थी.
टेबल-कुरसी नहीं थे जमीन पर कराया मतदान
बड़गाई की बूथ संख्या 312 में मतदान कराने के लिए टेबल-कुरसी भी नहीं थे. यहां मतदानकर्मियों ने जमीन पर बैठ कर मतदान कराया. बड़गाई के इस प्राथमिक स्कूल में मतदान करनेवाले लोगों को भी जमीन पर बैठ कर वोट डालना पड़ रहा था. मतदानकर्मी बार-बार उठ कर खड़े हो शरीर को आराम दे रहे थे. नीचे बैठे-बैठे उनके पैर अकड़ जा रहे थे. पोलिंग एजेंटों ने अपने लिए कुरसी की पर्याप्त व्यवस्था कर रखी थी. प्रशासन की व्यवस्था से मतदानकर्मी और मतदाता भी नाराज थे.
इधर, राजकीय मध्य विद्यालय मोरहाबादी, दिव्यायन, जवाहर नगर क्लब, ज्ञानोदय स्कूल, एसएस मेमोरियल कॉलेज स्थित मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतार नहीं थी. यहां के अधिकांश मतदान केंद्र 11 बजे तक खाली पड़े थे. लोग आ-जा रहे थे. जवाहर नगर क्लब स्थित मतदान केंद्र 264 में मात्र 51 मत पड़े थे. एसएस मेमोरियल मतदान केंद्र पर आइजी आरके मल्लिक अपना मत डालने पहुंचे थे. वहीं रानी बगान स्थित कैब्रियन स्कूल के बूथ में बीएलओ नहीं था. इससे मतदाताओं को परेशी हो रही थी.
फूल चढ़ाने के पहले हाथ धोये थे न!
नौ दिसंबर की सुबह के सात बजे थे. मतदाता ठंड से कांप रहे थे, लेकिन उनमें मतदान करने का गजब का उत्साह था. राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, अरसंडे में साढ़े सात बजे से लेकर आठ बजे तक मतदान केंद्र पर अच्छी भीड़ हो गयी थी. युवा मतदाताओं की भी संख्या अच्छी थी. वे वीवी पैट को देख कर रामांचित थे. एक मतदाता शालिनी ने कहा कि वह पहली बार वोट दे रही है. झारखंड सरकार में स्थिर सरकार जरूरी है. स्थिर सरकार से ही विकास संभव है. इसी बीच मतदान केंद्र के बाहर युवाओं की टोली जम गयी थी. अलग-अलग पार्टियों के समर्थक अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग में लगे थे. कुछ लोग कह रहे थे कि पूजा के समय अच्छी तरह से फूल-अक्षत चढ़ाये कि नहीं. इसी बीच कुछ लोगों ने कहा कि-यह बड़ी बात नहीं है. मुख्य बात यह है कि आपने पूजा के दौरान अच्छी तरह हाथ की सफाई की है कि नहीं. कोई भी शुभ काम करते समय अच्छी तरह हाथ की सफाई की जाती है. दोपहर तीन बजे तक मतदान केंद्र खाली हो गया था. यहां पर शांतिपूर्ण मतदान होने की खबर है.
2009 से 17.4 अधिक वोट
हटिया विधानसभा का चुनाव मंगलवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. यहां रिकॉर्ड 56.81 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 17.4 प्रतिशत अधिक है. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में 39.45 प्रतिशत मतदान हुआ था. मंगलवार को हुए चुनाव में एक दर्जन से अधिक मतदान केंद्रों पर इवीएम खराब होने की शिकायत मिली, जहां एक से दो घंटे विलंब से मतदान शुरू हुआ. इस वजह से वोटरों में नाराजगी दिखी. वहीं कई इस बार मतदाता सूची में नाम नहीं होने की वजह से वोट नहीं दे सके.
मतदान को लेकर सुबह से ही शहरी इलाके हरमू, मेकन कॉलोनी, अरगोड़ा, डोरंडा, बजरा, पंडरा के वोटरों में उत्साह था. वहीं ग्रामीण इलाके रातू, काठीटांड़, पुंदाग, नयासराय, ललगुटूवा, नगडी में भी मतदाताओं की लंबी लाइन दिखी. इस बार महिला मतदाताओं में ज्यादा उत्साह नजर आया. वहीं वृद्ध मतदाता भी मताधिकार के प्रयोग से नहीं चूके.
सुबह करीब 11.50 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ हरमू स्थित संत फ्रांसिस स्कूल में वोट देने पहुंचे. श्री सोरेन ने कहा कि यह लोकतंत्र का महापर्व है. इसमें सभी को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की जरूरत है.
मतदान को लेकर पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा की गयी थी. ग्रामीण इलाकों के मतदान केंद्रों में सुरक्षाकर्मी चौकस दिखे. कई मतदान केंद्रों में सुरक्षाकर्मी मतदाताओं की मदद करते दिखे. सुरक्षाकर्मी मतदाताओं को उनके मतदान केंद्र के बारे में जानकारी दे रहे थे. क्षेत्र में कई आदर्श बूथ बनाये गये थे, जिसे बैलून लगा कर सजाया गया था. यहां पर मतदाताओं को चाय पिलायी गयी. साथ ही फूल देकर व इत्र लगा कर उनका स्वागत किया गया.
एक-दो घंटे विलंब से हुआ मतदान, नाराजगी
हटिया विधानसभा क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों में देर से मतदान शुरू हुआ. इन केंद्रों में इवीएम खराब हो जाने की वजह से यह स्थिति हुई. यहां मतदाता इवीएम बनने का इंतजार करते रहे. इस वजह से मतदाताओं के कोप का शिकार मतदानकर्मियों को बनना पड़ा. मतदाता उन पर जल्द इवीएम चालू करने के लिए दबाव दे रहे थे. करीब एक-दो घंटे के बाद इवीएम ठीक कराया गया, तब जाकर चुनाव शुरू हुआ. इस वजह से शुरू में इन केंद्रों में मतदाताओं की काफी भीड़ लगी रही, जिससे उन्हें दिक्कतें हुई.
हटिया विधानसभा के 15 से अधिक मतदान केंद्रों पर देर से मतदान हुआ. इसमें बजरा के बूथ संख्या 198, रातू पुरियो के 06, मखमंदरो के 33, पंडरा के 39, हिसरी के 51, बाजपुर के 52 में इवीएम खराब रहने से मतदान देरी से शुरू हुआ. इसी तरह हटिया के 121, 122, 124 व अपर हटिया के 116, 117, 118, 119, 120 बूथ संख्या में देर से मतदान शुरू हुआ. इस वजह से मतदाता परेशान रहे. कुछ मतदाता खुद प्रशासनिक अफसरों को इवीएम खराब होने की जानकारी दे रहे थे.
बूथों पर भी महिलाओं ने संभाल रखा था मोरचा
हटिया विधानसभा क्षेत्र में महिलाएं केवल वोट देने में ही आगे नहीं रहीं, बल्कि चुनाव में भी सक्रिय रहीं. कई बूथों पर पार्टियों की महिला कार्यकर्ता थीं, तो कई महिलाएं पार्टी समर्थक के रूप में बैठी हुई थीं. जो लोगों को वोट देने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं. कई बूथों पर महिलाएं मतदाताओं के नाम ढूंढ कर परची देती देखी गयीं. सुबह सात बजे से ही महिलाएं बूथ के बाहर तैनात थीं.
इसके अलावा कई बूथों पर महिलाएं मतदान करने के लिए झूंड बनाकर बैठी हुई थी. हटिया विधानसभा क्षेत्र के पंडरा, रातू, बजरा व ललगुटूवा में वोट के प्रति महिलाओं में काफी उत्साह रहा. राजकीयकृत मध्य विद्यालय पंडरा के बूथ संख्या 175, 176 व 177, राजकीयकृत मध्य विद्यालय ललगुटूवा में महिलाएं कतार में खड़ी होकर मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. ग्रामीण महिलाएं भी झूंड बनाकर मतदान केंद्र पहुंचीं. इनमें वृद्ध महिलाएं भी शामिल थीं. हटिया विधानसभा क्षेत्र के राजकीयकृत मध्य विद्यालय बाजरा के बूथ संख्या 198 में काफी भीड़ रही. पुरुष से ज्यादा लंबी लाइन महिलाओं का थी.