लोकतंत्र के महापर्व में धर्मगुरुओं ने भी मताधिकार का प्रयोग किया. कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने संत अलोइस स्कूल में मतदान किया. सुबह 7.50 बजे जब वह बूथ संख्या 239 में वोट देने आये तो इवीएम खराब थी. उन्हें दुबारा आना पड़ा.
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महापर्व में धर्मगुरुओं ने भी निभाया दायित्व लेकिन कम वोटिंग होना प्रशासन की कमी
लोकतंत्र के महापर्व में धर्मगुरुओं ने भी मताधिकार का प्रयोग किया. कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने संत अलोइस स्कूल में मतदान किया. सुबह 7.50 बजे जब वह बूथ संख्या 239 में वोट देने आये तो इवीएम खराब थी. उन्हें दुबारा आना पड़ा. सुबह 8.45 बजे उन्होंने मतदान किया. उन्होंने कहा कि वह एक पुनीत कार्य […]
सुबह 8.45 बजे उन्होंने मतदान किया. उन्होंने कहा कि वह एक पुनीत कार्य निभाने आये थे. राष्ट्र निर्माण के लिए मतदान जरूरी है. ऑग्जिलरी बिशप तेलेस्फोर बिलुंग ने भी संत अलोइस स्कूल में मतदान किया. सीएनआइ के बिशप बीबी बास्के ने संत मार्गेट स्कूल में मतदान किया.
उनके साथ मसीही सेवा महिला संगति की सभानेत्री नूतन बास्के भी थीं. जीइएल चर्च के बिशप सीडी जोजो व एनडब्ल्यूजीइएल चर्च के बिशप पीडीएस तिर्की ने संत पॉल स्कूल में अपना वोट डाला. एदार-ए-शरीया झारखंड के नाजिम-ए आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने 70 किमी दूर अपने गांव बैतुलखुर्द (रामगढ़) जाकर मतदान किया. मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी ने करबला चौक स्थित इमारत-ए-शरिया केंद्र में वोट डाला. उधर, हातमा मौजा के पाहन, जगलाल पाहन ने सुबह सात बजे हातमा मध्य विद्यालय मतदान केंद्र में वोट डाला. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कांटाटोली स्थित उर्दू स्कूल मतदान केंद्र में वोट डाला.
कम वोटिंग होना प्रशासन की कमी
तीसरे चरण के 17 सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) पीके जाजोरिया ने शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न होने पर संतोष प्रकट किया. उन्होंने प्रेस से कहा: वर्ष 2009 के विस चुनाव की अपेक्षा इस बार तीसरे चरण के 17 सीटों पर लगभग छह प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि रांची जिले में मतदान के प्रतिशत में कमी आयी है.
वोटिंग में कमी प्रथम द्रष्टया प्रशासनिक विफलता मानी जा सकती है. आयोग ने जो प्रचार सामग्री उपलब्ध करायी थी, उसका सही तरीके से प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया. इसके लिए हम भी अपने को जिम्मेवार मानते हैं. शहरी क्षेत्र के वोटरों को घर से बाहर निकालने में हमें अधिक सफलता नहीं मिली. श्री जाजोरिया ने कहा कि बीएलओ को मतदान पदाधिकारी बनाने की जांच करायी जायेगी. सही पाये जाने पर कार्रवाई होगी. ब्रांड अंबेसडर द्वारा मतदान नहीं करने पर पूछे जाने पर श्री जाजोरिया ने कहा कि ब्रांड अंबेसडरों ने मतदान किया या नहीं, यह जरूरी नहीं है. जितनी गहराई से आप देख रहे हैं, उतनी गहराई से मतदाता नहीं देखता. ब्रांड अंबेसडरों ने मतदाताओं को जागरूक करने का काम किया है.
चुनाव में वोटिंग का बढ़ा प्रतिशत: डीसी
रांची के उपायुक्त सह जिला निर्वाची पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने कहा है कि पिछले चुनाव की तुलना में इस वर्ष विस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत में लगभग 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. सभी जगहों पर शांतिपूर्वक मतदान कराये गये. वर्ष 2009 में रांची जिला में 47 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 में वोटिंग 61 प्रतिशत मतदान हुआ. वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर उन्होंने जनता को धन्यवाद दिया है. रांची विस में 48.54 प्रतिशत वोटिंग हुई. इसी प्रकार सिल्ली में 76.16 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया. खिजरी विधानसभा क्षेत्र में 60.16 प्रतिशत वोटिंग हुई. कांके विस क्षेत्र में वोटिंग का प्रतिशत 59.43 रहा. हटिया विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटिंग प्रतिशत 56.81 रहा.
टीवी-मोबाइल से सूचना ले रहे थे डीसी-एसएसपी
रांची. सिटी कंट्रोल रूम में सुबह से ही गहमा-गहमी थी. सुबह आठ बजे से डीसी विनय कुमार चौबे,एसएसपी प्रभात कुमार, सिटी एसपी अनूप बिरथरे, सीआरपीएफ व जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी न्यूज चैनल व मोबाइल से हर क्षेत्र की पल-पल की खबर ले रहे थे. गड़बड़ी की सूचना मिलने पर संबंधित अधिकारियों व थाना प्रभारी को आवश्यक निर्देश दे रहे थे. उनके कान से मोबाइल हट नहीं रहा था. सिटी कंट्रोल के बरामदे से लेकर हर कमरे में अधिकारी व कर्मचारी पल-पल की खबर का अप डेट करने में लगे हुए थे.
सभी बूथों पर सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम
रांची. राजधानी के बूथों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ की 23 कंपनी विभिन्न बूथों पर तैनात थी. चुटिया क्षेत्र के एक बूथ पर जेएमएम और भाजपा समर्थक भिड़ गये, इस कारण वहां हंगामा हुआ. सूचना मिलने पर चुटिया थानेदार पहुंचे, लेकिन तब तक मामला शांत हो गया था. इसी तरह हिंदपीढ़ी के एक बूथ में हंगामे की सूचना जैसे ही कंट्रोल रूम को मिली, तत्काल पुलिस बल मौके पर पहुंच गयी. वहां से हंगामा करनेवालों को भगाया गया. कर्बला चौक के समीप कुछ बूथों पर कुछ लोगों ने बोगस मतदान का प्रयास किया, लेकिन अर्धसैनिक बलों की तैनाती के आगे उनकी एक न चली. जवान जांच के बाद ही बूथ के अंदर किसी को जाने की अनुमति दे रहे थे. सिटी एसपी खुद गश्त करते हुए विधि- व्यवस्था पर नजर रख हुए थे.
सड़क पर कम चले वाहन
रांची. राजधानी रांची में मतदान को लेकर मंगलवार को सड़कों पर कम वाहन चले. अमूमन राजधानी रांची में खूंटी, गुमला, हजारीबाग, जमशेदपुर, चाईबासा, राउरकेला, हटिया, तुपुदाना, धुर्वा से मेन रोड तक डीजल ऑटो, टेंपो और अन्य वाहनों का परिचालन होता है. तीन हजार से अधिक ऑटो, 60 से अधिक सीटी बस भी नियमित रूप से रांची की मुख्य सड़क पर चलते हैं. बड़े वाहन नहीं के बराबर चले. मतदान को लेकर स्कूल के वाहन मतदान कर्मियों को ढोने के लिए प्रयुक्त किये गये. कई बूथों पर मोटरसाइकिल से जाने की अनुमति दी जा रही थी. इसके अलावा वीआइपी मतदाताओं के लिए भी बूथों में विशेष व्यवस्था की गयी थी.
ताकि वोट डालने में उन्हें दिक्कत न हो.
रांची पहुंचनेवाली लंबी दूरी की बसें भी आम दिनों की तुलना में कम चलीं. इससे मुख्य सड़कों पर यातायात काफी कम रहा. आम लोगों को बूथ तक पहुंचने में वाहनों के कम चलने से काफी आसानी हुई. वैसे पुलिस के पेट्रोलिंग वाहन सड़कों पर नियमित रूप से चल रहे थे. खूंटी मार्ग में इक्का-दुक्का ऑटो ही चल रहे थे. मतदाता अपने दोपहिया वाहन, स्कूटी, मोटरसाइकिल से केंद्रों तक पहुंच रहे थे. सड़कों के सुनसान रहने की एक अन्य वजह यह भी थी कि निजी प्रतिष्ठान भी देर शाम तक नहीं खुले. साथ ही साथ मेकॉन, एचइसी, सेल, एजी ऑफिस, झारखंड सचिवालय, सचिवालय और संबद्ध कार्यालय, समाहरणालय, अन्य सरकारी कार्यालयों और विद्यालयों के बंद रहने से भी निजी और आम वाहन सड़कों पर नहीं चले.
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