आसनसोल: हावड़ा- धनबाद ब्लैक डायमंड सुपर फास्ट ट्रेन के महिला डिब्बे में पुरुष यात्रियों की सवारी से काफी परेशानी हो रही है. हालांकि रेलवे सुरक्षा बल की ओर से इसके खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाता है, लेकिन ऐसे पुरुष यात्रियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है. यह दृश्य अक्सर विभिन्न पैसेंजर ट्रेनों में भी होता है.
ट्रेन में सफर करनेवालीं महिलाओं का कहना है कि महिलाओं के लिए डिब्बे आरक्षित होने के बावजूद वे उसमें बैठ नहीं पातीं. क्योंकि इन पर पुरुषों का कब्जा रहता है, जिससे ट्रेनों में महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं होती हैं. छात्र शालिनी मिश्र का कहना है कि महिला डिब्बे में पुरुष बैठे होने वह काफी असहज महसूस करती है. पुरुष को दूसरे बोगी में बैठने के लिए कहने पर वे झगड़ पड़ते हैं. दीपा शर्मा का कहना है कि महिला डिब्बे में रेलवे सुरक्षा बल की लापरवाही के कारण पुरुष यात्र करते हैं. इस दिशा में वह किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करती. कई युवक जान- बूझ कर महिला बोगी में सफर करते हैं.
आसनसोल रेल मंडल के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार का कहना है कि महिला बोगी में सफर करने वाले पुरुष यात्रियों के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाया जाता है, पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन पुरुषों को भी जागरूक होना चाहिए कि वे महिला बोगी में सफर करने बचें. उन्होंने बताया कि रेलवे कानून के तहत इसके लिए कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. पहली बार पकड़े जाने पर पुरुष यात्री को मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कर दंड के मुताबिक फाइन भरना पड़ता है और जब एक ही युवक दो या इससे अधिक बार महिला बोगी में यात्र करते पकड़ा जाता है, तो उसे फाइन भरने के साथ- साथ जेल भी जाना पड़ सकता है.