हावड़ा : उच्च व व्यावहारिक शिक्षा के इस दौर में अक्सर बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर भी कई बार युवाओं को मन-मुताबिक रोजगार नहीं मिल पाता है. निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लाखों रुपये पढ़ाई पर खर्च करने के बावजूद छात्र-छात्राएं बेहतर प्लेसमेंट पाने से वंचित रह जाते हैं.
ऐसे में कुछ कॉलेजों से उम्मीद बंधी है. यादवपुर कॉलेज और बेसू को छोड़ कर महज कुछ वर्षो में तकनीकी व रोजगारपरक शिक्षा देने के मामले में कुछ बेहतर शैक्षणिक संस्थान सामने आये हैं.
ऐसे ही संस्थानों में शुमार है हुगली जिले का एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी. हुगली के आदिसप्त ग्राम स्थित एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वर्ष 2013 में इस कॉलेज से उत्तीर्ण कुल 422 छात्र-छात्राओं में 306 को बड़ी कंपनियों में नौकरियां मिली हैं.
कॉलेज का निमार्ण वर्ष 2003 में आनंदा एजुकेशनल डेवलपमेंट एंड चेरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन (एइडीसीओ) ने किया है. यह कॉलेज 2.90 लाख वर्ग फीट में स्थित है. कॉलेज के प्रिसिंपल व गर्वनिंग बॉडी के सदस्य प्रोफेसर जगन्नाथ बनर्जी ने बताया कि यहां बी टेक के तहत छह कोर्स, एम टेक के तहत चार कोर्स तथा एमसीए के तहत एक कोर्स की पढ़ाई होती है.
गर्वनिंग बॉडी में कुल आठ प्रोफेसर हैं, जिनमें से सात आइआइटी से जुड़े रहे हैं. कॉलेज में कुल 148 प्रोफसर (फैक्लटी) हैं, जिनमें 26 प्रोफेसर पीएचडी हैं. अन्य शिक्षकों की मास्टर डिग्री है. वर्तमान में छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग 2500 है. 35 फीसदी छात्र कोलकाता, 20 प्रतिशत छात्र बिहार और झारखंड से हैं. एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी की चार बड़ी कंपनियों के साथ एक्रीडिटेशन व एलायंस है.
प्रोफेसर अभिजीत विश्वास ने बताया कि वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (डब्ल्यूबीयूटी) के तहत आनेवाले सभी कॉलेजों से इस कॉलेज की प्रयोगशाला (लैबोरेटरी) बेहतर है.
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में यह कॉलेज वेस्ट थ्री की लिस्ट में है. प्रोफेसर जगन्नाथ बनर्जी ने बताया कि इस कॉलेज के 55 छात्र-छात्राओं को गेट में, एक छात्र को जीआरइ तथा नौ छात्रों की कैट में सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में दाखिले के बाद जिन छात्र-छात्राओं का अंगरेजी, मैथ्स, फिजिक्स कमजोर होता है, उन्हें विशेष कोर्स के तहत तैयार किया जाता है.