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प्यार की सजा

मानपुर: आइआइटी-एनआइटी में पढ़नेवाले अपने बच्चों की बड़ी तादाद को लेकर चर्चित मानपुर स्थित पटवा टोली आजकल अपने एक फैसले के कारण चर्चा में है. पश्चिमी यूपी- हरियाणा की खाप पंचायतों के तर्ज पर पटवाय जाति सुधार समिति की सकल पंचायत ने प्रेम विवाह के दो मामलों में एक महिला समेत कुल पांच लोगों को […]

मानपुर: आइआइटी-एनआइटी में पढ़नेवाले अपने बच्चों की बड़ी तादाद को लेकर चर्चित मानपुर स्थित पटवा टोली आजकल अपने एक फैसले के कारण चर्चा में है.

पश्चिमी यूपी- हरियाणा की खाप पंचायतों के तर्ज पर पटवाय जाति सुधार समिति की सकल पंचायत ने प्रेम विवाह के दो मामलों में एक महिला समेत कुल पांच लोगों को सजा सुनायी है. इसे गुरुवार (पूर्णिमा) को लागू किया गया. फैसले के मुताबिक पांच में से चार (महिला को छोड़ कर) का मुंडन कराया गया और फिर पांचों को मानपुर की गलियों में घुमाया गया. इन्हें पटवा बिरादरी के हर परिवार तक पहुंच कर माफी मांगने को कहा गया था.

बताया जाता है कि पटवा टोली के लेखराज राम पटवा के बेटे गुड्डू कुमार पड़ोस की रहनेवाली अपनी ही बिरादरी की एक लड़की से प्रेम करता था. आरोप है कि वह अपने दो साथियों-लालू पटवा व जानकी पटवा की मदद से लड़की को करीब दो माह पहले भगा ले गया था. जब इसकी जानकारी लोगों को मिली, तो पटवा बिरादरी के लोगों ने नाराजगी जतायी. एक अन्य मामले में पति की मौत के तुरंत बाद पटवा टोली की ही एक महिला बिरादरी के ही अपने प्रेमी के साथ घर छोड़ कर भाग गयी थी. जब दोनों मामलों में घर छोड़ कर भागनेवाले युवक लौटे, तो लगभग दो माह पहले रामकृष्ण पटवा के नेतृत्ववाली सकल पंचायत ने इन मामलों की सुनवाई की. तय हुआ कि आर्थिक, सामाजिक व वैवाहिक कार्यक्रमों में इनका पूरी तरह बहिष्कार होगा या इस सजा से बचने के लिए उन्हें मुंडन करा कर पटवा बिरादरी के हर सदस्य से माफी मांगनी होगी. इसके लिए पूर्णिमा (गुरुवार) की तिथि तय की गयी. बाद में इन युवकों ने दूसरे विकल्प को चुना और गुरुवार को चार लोगों का मुंडन करा कर पूरी पटवा टोली में घुमाया गया और माफी मांगने को मजबूर किया गया.

पांच दिन पहले भी हुई थी ऐसी घटना

गया जिले के कोठी थाना क्षेत्र के सोबड़ी गांव में प्रेम करने पर ग्रामीणों ने एक नवंबर को पांच बच्चों के बाप और चार बच्चों की मां का मुंडन कर गांव में घुमाया था. दो नवंबर को पीड़ित महिला ने 10 गांववालों के खिलाफ कोठी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने आनन-फानन में चार लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया.

पुलिस को सूचना नहीं

इस बाबत पूछे जाने पर पटवा समुदाय के लोगों का कहना था कि अगर ऐसे मामलों को थाने-पुलिस के हवाले कर दिया जाये, तो भी क्या लाभ होगा? केवल नये-नये उलझन सामने आयेंगे. इससे बचने के लिए ही स्थानीय स्तर पर सामाजिक और पारंपरिक मानदंडों को ध्यान में रखते हुए ऐसे फैसले लिये जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, सकल पंचायत इस तरह के फैसले पहले में भी करती रही है.

पीछे आदमी लगा रखा था

उक्त मामलों में युवकों की सजा में कमी न रह जाये, इसके लिए पंचायत ने दो और तीन के समूह में शामिल इन युवकों के पीछे अपना एक-एक आदमी भी लगा रखा था, जिसका काम यह सुनिश्चित करना था कि सजायफ्ता युवक शॉर्टकट न कर अपनाएं और वे पटवा बिरादरी के हर घर जाकर माफी मांगें. राजनीतिक, आर्थिक व व्यावसायिक रूप से संपन्न पटवा टोली में पटवा समुदाय के लगभग पांच हजार घर-परिवार हैं.

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