
भारत के मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिए जाने पर पाकिस्तान के चावल उत्पादकों के समूह ने आपत्ति दर्ज करायी है.
मध्य प्रदेश को इस साल के शुरुआत में बासमती चावल का जीआई टैग मिला था.
पाकिस्तान के लाहौर स्थित बासमती उत्पादक संघ (बीजीए) ने भारत के चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्राप्रटी अपैलेट बोर्ड (आईपीएबी) में अपील दायर करके मध्य प्रदेश को यह टैग दिए जाने का विरोध किया है.
क्या है जीआई टैग और पाकिस्तान की मांग कितना सही है, बता रहे हैं देवेंद्र शर्मा
जो चीज़ें एक ख़ास मौसम, पर्यावरण या मिट्टी में पैदा होती हैं उनके लिए जियोग्राफ़िकल इंडिकेशन(जीआई) टैग दिया जाता है. यह एक प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत आता है. किसी ख़ास क्षेत्र के उत्पाद विशेष को जीआई टैग दिया जाता है. जीआई टैग किसी सांस्कृतिक उत्पाद या कृषि उत्पाद को दिया जा सकता है.
जैसे स्कॉटलैंड में जो स्कॉच बनती है उसे स्कॉटलैंड का माना जाता है क्योंकि उसे जीआई टैग मिला है. ब्रिटेन में बनी स्कॉच अलग ही होती है. दुनिया में दूसरी जगहों पर स्कॉच जैसी शराब बनती है लेकिन उसे स्कॉच नहीं माना जाता.

भारत में कांजीवरम साड़ी, दार्जिलिंग चाय, अलफांसो आम समेत कई चीज़ों को जीआई टैग मिला हुआ है. पहले हमने बासमती पर पेटेंट की लड़ाई लड़ी थी. उसका विस्तार करते हुए मध्य प्रदेश की बासमती को जीआई टैग दिया गया.
दुनिया में बासमती की बहुत मांग है. ऐसे में जिस इलाक़े के बासमती को जीआई टैग मिला हुआ वहाँ के चावल को असली माना जाएगा. इससे उत्पाद का बाज़ार सुरक्षित हो जाता है.
पाकिस्तान की आपत्ति
भारत और पाकिस्तान के बीच हर बात के लिए परस्पर विरोध होता है. लेकिन दोनों देशों के आपसी संबंध के इतर देखें तो मेरा मानना है कि पाकिस्तान की आपत्ति जायज़ है.
भारत में उत्तर-पश्चिमी इलाक़ों, उत्तराखंड, पंजाब इत्यादि में बासमती चावल पैदा होता है.
लेकिन हम अमरीका में भी बासमती पैदा कर सकते हैं. अमरीका की एक कंपनी ने टेक्सास में बासमती जैसा चावल उगाया और उसे टेक्सामती नाम दिया तो भारत ने पेटेंट की लड़ाई लड़ी थी.

उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होने वाला बासमती चावल ख़ास होता है.
जो बासमती उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होता वही असली बासमती है, उसमें एक क्षेत्रीय ख़ासियत होती है.
अगर हम उसका मध्य प्रदेश तक विस्तार करते हैं या कल हम कहते हैं कि आंध्र प्रदेश में जो चावल पैदा हो रहा है वो भी वही बासमती है तो ऐसा कहना सही नहीं है. जब अमरीका में बासमती जैसा चावल पैदा हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है लेकिन उसमें वो ख़ास बात नहीं होगी.
इसलिए पाकिस्तान की आपत्ति ठीक है. भारत को थोड़ी सावधानी बरतनी होगी ताकि हम व्यापार के लिए किसी टैग का दुरुयोग न करें.
(तुषार बनर्जी से बातचीत पर आधारित)
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