विद्या बालन ने अपनी जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने साउथ में एक टीवी शो किया, लेकिन वह कभी टेलीकास्ट नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने एकता कपूर के हम पांच में काम किया, लेकिन कॉलेज में अटेंडेंस की शिकायत आने लगी, तो वह सीरियल भी छोड़ना पड़ा. वे ऐसा कोई काम चाहती थीं कि अटेंडेंस में दिक्कत न आये. तब उनके पास एक विज्ञापन का ऑफर आया.
इसमें उन्हें आठ साल के बच्चे की मां का रोल करना था. 19 साल की विद्या ने इस चैलेंज को एक्सेप्ट किया. इसके बाद उन्होंने 90 एड फिल्म्स में काम किया. एक एड के दौरान जब वे साउथ पहुंचीं, तो वहां उन्हें मलयालम फिल्म का ऑफर आया. फिल्म के हीरो थे विद्या के फेवरेट मोहन लाल.
विद्या ने ऑडिशन दिया और सलेक्ट हो गयीं. शूटिंग शुरू हो गयी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही डायरेक्टर कमल और हीरो मोहन लाल के बीच झगड़ा हो गया. फिल्म चक्रम की शूटिंग रुक गयी. इस दौरान विद्या की तारीफ हर जगह होने लगी थी और उनके पास 12 फिल्मों के ऑफर आ चुके थे.
चक्रम के बंद होने का जब कारण तलाशना शुरू किया गया, तो लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि डायरेक्टर कमल और मोहन लाल ने इसके पहले आठ फिल्में साथ में की हैं और सभी हिट हुई हैं. इस बार समीकरण में नया कौन है? सभी की अंगुली विद्या के ऊपर उठी. लोगों ने उन्हें अपशगुनी मान लिया. हर तरफ बात फैल गयी और विद्या के हाथ से 12 फिल्मों के ऑफर भी एक-एक करचले गये. विद्या पूरी तरह टूट चुकी थीं.
इसके बाद विद्या साईं बाबा मंदिर में जाकर घंटों बैठा करतीं और भगवान से पूछती कि जब सपना पूरा करना ही नहीं था, तो मुझे यह दिखाया क्यों? आखिरकार विद्या बालन को दादा यानी प्रदीप सरकार ने यूफोरिया बैंड के एलबम में मौका दिया. यह एलबम बहुत हिट हुआ और फिर दादा ने ही विद्या को परिणीता ऑफर की, जो बहुत हिट हुई. इसके बाद विद्या की गाड़ी चल पड़ी. डर्टी पिक्चर और कहानी जैसी फिल्में करके उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में महिला आधारित फिल्मों का चलन शुरू कर दिया.
– बात पते की…
* अंग्रेजी में एक कहावत है- स्ट्रगल एंड शाइन. यह वाक्य हमें बड़ी शक्ति देता है, जिदंगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है.
* जीवन में कठिनाइयां तो आती ही हैं. हो सकता है कि हम विचलित हो जाएं या इससे उबरकर सीख ले लें. ये मुश्किलें ही हमारी क्षमता बढ़ाती हैं.