रांची : झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को सीआइडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कोर्ट में पेशी के बाद सीआइडी की टीम उन्हें रांची लेकर आएगी. लगातार फरार चल रहे योगेंद्र साव की गिरफ्तारी सीआइडी की बड़ी […]
रांची : झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को सीआइडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कोर्ट में पेशी के बाद सीआइडी की टीम उन्हें रांची लेकर आएगी. लगातार फरार चल रहे योगेंद्र साव की गिरफ्तारी सीआइडी की बड़ी सफलता मानी जा रही है.ज्ञात हो की प्रभातखबर ने योगेंद्र साव का नक्सली संगठनों के साथ संबंध होने को लेकर खबर प्रकाशित किया था. साथ ही प्रभातखबर ने ही इस मामले को लेकर लगातार मुहीम चलाया था.
* उग्रवादी संगठन से संबंध होने का आरोप
झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर उग्रवादी संगठन से संपर्क होने का आरोप लगा. साथ ही उनपर आरोप है कि उन्होंने नक्सली संगठन को खड़ा किया है. यह खुलासा गिरफ्तार नक्सली सरगना ने की थी. हालांकि सावनेलगातार इस मामले में अपने को साफ-पाक बताया.
* फरार चल रहे थे योगेंद्र साव
नक्सली संगठन को खड़ा करने और संगठन से संपर्क होने के आरोप लगने के बाद से योगेंद्र साव लगातार फरार चल रहे थे. पुलिस की टीम उन्हें लगातार खोज रही थी,लेकिन उनका कहीं भी पता नहीं लग पा रहा था.
* सीआइडी को सौंपा गया है जांच का जिम्मा
पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव और उग्रवादी संगठनों के साथ उनके संबंध सहित पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी की टीम को सौंपा गया है. टीम का नेतृत्व सीआइडी एसपी एम तमिल वानन कर रहे थे. इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज हजारीबाग मनोज कौशिक ने सीआइडी को उपलब्ध कराये हैं.
* योगेंद्र की फैक्टरी में उग्रवादियों का प्रशिक्षण कैंप
उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप और झारखंड बचाओ आंदोलन के प्रशिक्षक राजू साव से पुलिस ने पूछताछ की. राजू साव ने बताया कि पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की फैक्टरी में उग्रवादियों का प्रशिक्षण कैंप था. केरेडारी के जैमरा जंगल में योगेंद्र साव की फायरक्ले फैक्टरी है.
* ठुटुंगवा जंगल में बनती थी योजना
पूछताछ में राजू साव ने बताया कि केरेडारी के ठुठुंगवा में पूर्व कृषि मंत्री की पैतृक जमीन है. किसी घटना को अंजाम देने के लिए दोनों उग्रवादी संगठन के सदस्य यहीं योजना बनाते थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, राजू साव का इतना खौफ था कि झारखंड टाइगर ग्रुप का सरगना राजकुमार गुप्ता भी उससे डरता था. एक दिन राजू साव ने प्रशिक्षण के दौरान राजकुमार गुप्ता को डांटा, तो वह फायरक्ले फैक्टरी की दीवार फांद गया था.