भारतीय सेना ने पाकिस्तान सीमा पर प्रशिक्षित फौजी श्वान दस्ता यानी डॉग स्क्वॉयड तैनात करने का फ़ैसला लिया है.
नियंत्रण रेखा पर घुसपैठियों का तुरंत पता लगाने के लिए इन प्रशिक्षित कुत्तों के अंगों में जीपीएस और वायरलैस माइक्रोफ़ोन जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे.
भारत पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यह पहल की गई है.
कुत्तों में सूंघने की अनूठी शक्ति होती जिससे वो छुपी हुई वस्तुओं का पता आसानी से लगा लेते है.
तीन महीने की ट्रेनिंग
सीमा पर तैनात किए जा रहे इन कुत्तों को इसका विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
मेरठ स्थित सेना के प्रतिष्ठित रिमाउंट एंड वेटेनरी कोर (आरवीसी) के प्रशिक्षण केन्द्र में इन कुत्तों को ट्रेन किया गया है.
आरवीसी मेरठ के कमांडेंट मेजर जनरल जगविंदर सिंह ने बताया कि सेना की उत्तरी कमान ने आरवीसी से ऐसे कुत्ते प्रशिक्षित करने की मांग की थी जो नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोकने में सेना की मदद कर सकें.
उन्होंने बताया कि इसी के तहत जर्मन शेफ़र्ड कुत्तों की ट्रेनिंग तीन माह पहले शुरू की गई थी.
चेतावनी
मेजर जनरल सिंह ने बताया कि नियंत्रण रेखा के लिए ख़ास तौर पर प्रशिक्षित कुत्ते एक स्लाइडिंग चेन के साथ 800 मीटर तक घूम कर निगेहबानी कर सकेंगे और 300 मीटर दूरी तक किसी भी गतिविधि पर नज़र रखने में सक्षम होंगे.

इन कुत्तों को जीपीएस तकनीक से लैस किया जाना है.
उन्होंने बताया कि रात में कुत्तों की नज़र इंसानों से कहीं बेहतर होती है इसलिए इन्हें छह-छह घंटे की पाली में ड्यूटी देने के लिए तैनात किया जाएगा.
आरवीसी के प्रशिक्षक कर्नल देवेंद्र सिंह ने बताया कि घुसपैठ की कोशिश होते ही कुत्ते से चेतावनी मिल जाएगी और उसे रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इससे अधिकांश सैनिक नियंत्रण रेखा से दूर रहकर ही कुतों के ज़रिए निगरानी कर पाने में सक्षम होंगे.
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