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स्कॉटलैंड : स्वतंत्र होगा या…

यूनाइटेड किंगडम के एक घटक देश स्कॉटलैंड में कल यह जानने के लिए जनमत-संग्रह कराया जायेगा कि वह स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहता है या यूके का हिस्सा बने रहना चाहता है. क्या है जनमत-संग्रह से जुड़ा यह मामला, पक्ष और विपक्ष में क्या दिये जा रहे हैं तर्क, क्या है यूनाइटेड किंगडम, कितनी है इसकी […]

यूनाइटेड किंगडम के एक घटक देश स्कॉटलैंड में कल यह जानने के लिए जनमत-संग्रह कराया जायेगा कि वह स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहता है या यूके का हिस्सा बने रहना चाहता है. क्या है जनमत-संग्रह से जुड़ा यह मामला, पक्ष और विपक्ष में क्या दिये जा रहे हैं तर्क, क्या है यूनाइटेड किंगडम, कितनी है इसकी आबादी, क्षेत्रफल, क्या स्थिति है इसकी अर्थव्यवस्था की, मुद्रा और कर्ज की समस्या का कैसे होगा समाधान, इन्हीं कुछ प्रमुख मसलों के बारे में बता रहा है आज का नॉलेज…

कल यानी 18 सितंबर को स्कॉटलैंड में जनमत-संग्रह कराया जायेगा और नागरिकों से यह जाना जायेगा कि क्या वे स्वतंत्र राष्ट्र होना चाहते हैं या यूनाइटेड किंगडम के एक घटक के तौर पर उसके साथ ही रहना चाहते हैं. हालांकि, ब्रिटिश सरकार की कोशिश है कि इस जनमत-संग्रह को किसी तरह से रोका जाये, लेकिन आजाद देश की इच्छा रखनेवाले इसके समर्थकों की भी कमी नहीं है. दोनों ही विचारधाराओं वाले समूहों की ओर से अपने-अपने पक्ष में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.

स्वतंत्र राष्ट्र की इच्छा रखनेवाले लोगों का तर्क है कि इससे स्कॉटलैंड दुनिया के धनी देशों में शामिल हो सकता है. दूसरी ओर ब्रिटेन की सरकार अपनी ओर से बेटर टुगेदर की विचारधारा को प्रचारित कर रही है, ताकि लोगों को यह भरोसा दिलाया जा सके कि संघ में बने रहने से स्कॉटलैंड का व्यापक विकास मुमकिन है. 18 सितंबर को जनमत-संग्रह कराने के बाद वोटों की गिनती का काम रातभर जारी रहेगा और अगली सुबह यानी 19 सितंबर को नतीजे घोषित कर दिये जायेंगे.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून 15 अक्तूबर, 2012 की उस घड़ी को कोस रहे होंगे, जब उन्होंने स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर एलेक्स सेलमंड के साथ एडिनबर्ग एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये थे. मालूम हो कि उस करार के साथ ही स्कॉटलैंड की संसद को कानूनी तौर पर जनमत-संग्रह कराने की मंजूरी मिल गयी थी.

ब्रिटिश अखबार डेली टेलीग्राफ के मुताबिक, स्कॉटलैंड का अलग होना इंग्लैंड के लिए झटका होगा. यही कारण है कि वहां की महारानी या सरकार चिंतित हैं. डेविड कैमरून सरकार ने ऐलान किया है कि यदि स्कॉटलैंड के नागरिक यदि आजादी के खिलाफ वोट करते हैं, तो उन्हें वृहद् स्वायत्तता दी जायेगी. साथ ही कई तरह की आर्थिक छूट भी मुहैया करायी जायेगी.

ब्रिटेन की सरकार कुछ इस तरह की खबरों से खासी चिंतित है, जिनमें यह बताया गया है कि स्कॉटलैंड में ज्यादातर लोग स्वतंत्र राष्ट्र के पक्ष में हैं. पिछले सप्ताह द संडे टाइम्स ने एक सर्वेक्षण किया है, जिसके मुताबिक, 51 फीसदी से भी ज्यादा लोग आजादी के पक्ष में हैं. तकरीबन 54 फीसदी लोग महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को नये राष्ट्र के प्रमुख के रूप में देखना चाहते हैं. मगर 31 फीसदी इसके विरोधी भी हैं. सही आंकड़ों के लिए अब महज दो दिन का इंतजार है. शुक्रवार को सारे नतीजे सामने होंगे.

* आर्थिक तरक्की बड़ा कारण

स्कॉटलैंड में आजादी की मांग ने उस समय जोर पकड़ा जब पिछले कुछ महीनों के दौरान इस तरह के तथ्य सामने आये और उन पर व्यापक बहस भी हुई कि बतौर स्वतंत्र राष्ट्र स्कॉटलैंड की अर्थव्यवस्था बेहतर हो सकती है. दूसरी ओर, समूचे ब्रिटेन में इस बात पर बहस जारी है कि यदि स्कॉटलैंड ने संघ से अलग हो जाने के फैसले पर हां की मुहर लगा दी, तो उसके बाद इसे किस नाम से पुकारा जाना चाहिए. फिलहाल ब्रिटेन के लिए हर जगह यूनाइटेड किंगडम लिखा जाता है. हालांकि, इस बात की बहुत कम संभावना है कि ब्रिटेन की सरकार इसका नाम बदलने की कोशिश करेगी, लेकिन फिर भी हर जगह इस बात पर चर्चा हो रही है कि यदि स्कॉटलैंड ने आजादी की घोषणा कर दी, तो ग्रेट ब्रिटेन का नया नाम क्या होना चाहिए.

– कैसे बना ग्रेट ब्रिटेन और यूनाइटेड किंगडम

1690 के आसपास स्कॉटलैंड की अर्थव्यवस्था बदहाल हो चुकी थी. दूसरी ओर, इंग्लैंड नहीं चाहता था कि स्कॉटलैंड अपना अगला राजा चुने. 1706-07 के कानून के तहत इंग्लैंड और स्कॉटलैंड को मिला कर ग्रेट ब्रिटेन बनाया गया. उस समय एक्ट ऑफ यूनियन पारित हुआ था, जो 01 मई, 1707 को लागू हुआ था. उसी दिन ग्रेट ब्रिटेन की संसद का गठन भी हुआ था. फिर 1801 के कानून के तहत ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड को मिला कर उसे यूनाइटेड किंगडम का नाम दिया गया था.

– कौन डाल सकता है वोट : स्कॉटलैंड में रहने वाले 16 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग अपना मत दे सकते हैं. यूके के अन्य हिस्सों में रहने वाले आठ लाख स्कॉटिश वोट नहीं कर पायेंगे. वहीं यूके के अन्य हिस्सों के स्कॉटलैंड में रहने वाले चार लाख लोग मतदान कर पायेंगे.

* क्या होगी स्कॉटलैंड की मुद्रा

18 सितंबर को स्कॉटलैंड के मतदाता यह तय करेंगे कि उनका देश स्वतंत्र होगा या ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा ही बना रहेगा. हालांकि, अभी यह निर्धारित नहीं किया गया है कि स्वतंत्र होने पर मुद्रा कौन सी अपनायी जायेगी. स्कॉटलैंड की आजादी के समर्थक भी यह तय नहीं कर पाये हैं कि उनकी मुद्रा क्या होगी. पक्ष और विपक्ष के बीच बहस का यह अहम मुद्दा है.

संपत्ति का प्रबंधन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ब्लैक रॉक के एवेन कैमेरॉन वॉट के हवाले से डोयचे वेले की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर दलीलें बेसिर-पैर की हैं. शुरुआत में निवेशक भी स्वतंत्र स्कॉटलैंड के बारे में उदासीन थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि ऐसा नहीं होगा. लेकिन अब कुछ हालात बदल रहे हैं. मॉर्गन स्टेनले के विश्लेषकों के मुताबिक, स्कॉटलैंड के आजाद होने पर पाउंड की कीमत सात से दस फीसदी गिर सकती है और निवेशक भी दूर हो सकते हैं.

* कर्ज की समस्या : इसमें एक बड़ा मुद्दा ब्रिटेन का कर्ज है. यदि बंटवारा हुआ तो कर्ज भी बंटेगा. ब्रिटेन की राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक शोध के विशेषज्ञ मोनीक इबेल के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं होगा कि कर्ज स्कॉटलैंड को बांट दिया जाये. ब्रिटेन ही इस कर्ज को चुकाने का जिम्मेवार होगा और उम्मीद करेगा कि स्कॉटलैंड आगामी 10-20 वर्षों में उसे चुका दे. इसके लिए उन्होंने चेक गणराज्य और स्लोवाकिया के बीच के मुद्रा संघ का उदाहरण दिया है, जब 1990 में दोनों देश अलग हो गये थे और स्लोवाकिया से चेक गणराज्य को पूंजी का प्रवाह थम गया था.

इससे चेक गणराज्य में संकट पैदा हो गया था. आजादी के विरोधी स्कॉटलैंड के अलग होने की स्थिति में वहां पाउंड के इस्तेमाल का विरोध भले ही करते हों, पर अनधिकृत तौर पर वहां यह मुद्रा चल ही सकती है. दूसरा विकल्प यूरो से जुड़ना है. लेकिन आजादी के समर्थक इससे उत्साहित नहीं हैं, क्योंकि स्कॉटलैंड के लिए सबसे बड़ा बाजार इंग्लैंड ही होगा. ऐसे में यदि स्कॉटलैंड खुद के स्टर्लिंग नोट छापना शुरू कर देता है, तो कई विश्लेषक इसे सबसे अच्छे विकल्प के तौर पर देख रहे हैं.

– स्कॉटलैंड में जनमत-संग्रह : ए-टू-जेड

स्कॉटलैंड वासी देश की स्वतंत्रता के लिए कल होनेवाले जनमत-संग्रह में अपना फैसला देंगे. पेश है स्कॉटलैंड के अहम मौजूदा हालात की ए-टू-जेड पड़ताल :

ANTHEM – स्कॉटलैंड का कोई आधिकारिक राष्ट्रगान नहीं है. आम जनता की सहमति के आधार पर आधिकारिक राष्ट्रगान तय किया जा सकता है. संभव है राष्ट्रगान में फ्लावर ऑफ स्कॉटलैंड, स्कॉट्स वा हाये और स्कॉलैंड द ब्रेव शामिल हो.

BORDER – स्कॉटलैंड वासी ब्रिटेन के पासपोर्ट-फ्री कॉमन ट्रेवेल एरिया (ऐसा क्षेत्र जहां बिना पासपोर्ट की बाध्यता के बगैर आवागमन संभव है) में शामिल रहना चाहते हैं. लेकि न यदि स्कॉटलैंड कमजोर आप्रवासन नीति को अपनाता है तो लंदन सीमा पर निगरानी को बढ़ा सकता है.

CURRENCY – स्कॉट नागरिक एंग्लो-स्कॉट्स करेंसी यूनियन के तहत पाउंड को जारी रखना चाहते हैं. हालांकि, लंदन ने इस प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया है. बावजूद इसके स्कॉटलैंड मुद्रा के रूप में पाउंड का इस्तेमाल जारी रख सकता है-जैसे कि कुछ देश डॉलर को प्रयोग में लाते हैं. ऐसा होने पर शेष यूनाइटेड किंगडम के लिए अलग मौद्रिक नीति अपनानी पड़ेगी.

DEBT – स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय ऋण में प्रति व्यक्ति हिस्सेदारी पर सहमत हो सकता है. ऐसे में यूनाइटेड किंगडम की परिसंपत्तियों में स्कॉटलैंड की हिस्सेदारी होगी. स्कॉटलैंड के हिस्से में 130 बिलियन पाउंड का ऋण आ सकता है.

EUROPEAN UNION – यूरोपीय समूह : बेल्जियम का कहना है कि स्वतंत्र स्कॉटलैंड को अलग से सदस्यता के लिए आवेदन करना होगा.

FLAG – संत एंड्रयू के नीले रंग पर सफेद रंग के साल्टायर (एक विशेष प्रकार की आकृति) वाला ध्वज ही स्कॉटलैंड का आजादी के बाद राष्ट्रीय ध्वज बना रहेगा. शेष यूनाइटेड किंगडम का ध्वज कैसे रहेगा यह अभी तय नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि स्कॉटलैंड के अलग होने पर साल्टायर को ध्वज से हटाया जा सकता है.

GDP – स्कॉट नागरिकों का मानना है कि यूके के मुकाबले स्कॉटलैंड की जीडीपी ज्यादा है और प्रति व्यक्ति आय के मामले में स्कॉटलैंड ओइसीडी (दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह) में आठवां सबसे समृद्ध देश बन जायेगा.

HOLY ROOD – स्कॉटिश संसद का केंद्र हॉलीरूड में है. इसे ह्यसीट ऑफ द डेवलप्ड असेंबलीह्ण भी कहते हैं. हॉलीरूड स्वतंत्र स्कॉटलैंड सरकार की सीट बन सकता है.

INTERNATIONAL RELATIONS – स्कॉट नागरिक चाहते हैं कि स्वतंत्र स्कॉटलैंड यूरोपियन यूनियन, नाटो, संयुक्त राष्ट्र, ओइसीडी, विश्व व्यापार संगठन और कॉमनवेल्थ का हिस्सा बना रहे.

JK ROWLING – अंगेरजी में लिखी गयी प्रसिद्ध पुस्तक हैरी पॉटर की लेखिका जेके रॉलिंग एडिनबर्ग में ही रहती हैं. वह उन सेलीब्रिटीज के धडे़ में शामिल हैं, जहां मिक जगर और स्टीफन हॉकिंग जैसे लोग यूनियन के पक्ष में खड़े हैं. हालांकि, सीन कॉनेरी और इरविन वेल्श जैसे कुछ सेलीब्रिटी स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे हैं.

KINGDOM – यूके की प्रमुख महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के आधिपत्य को स्वतंत्र स्कॉटलैंड स्वीकार कर सकता है. 1603 में यूनियन ऑफ क्राउंस में स्कॉटलैंड के महाराजा जेम्स छठे इंगलैंड के महाराजा के रूप में सत्तासीन हुए.

LEFT OF CENTER – राष्ट्रवाद के समर्थकों का मानना है कि वोटिंग के बाद स्कॉटलैंड यूके सरकार के तहत नहीं रहेगा. वर्ष 1964 के बाद से स्कॉटलैंड ने लेबर के समर्थन में वोट किया है. इस दौरान 13 में से सात बार लेबर सरकार बनी है.

MILITARY – सालमॉन्ड (स्कॉटलैंड के मौजूदा फर्स्ट मिनिस्टर) का मानना है कि ब्रिटिश मिलिट्री से अलग होकर 15,000 सैनिकों की स्वतंत्र और मजबूत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स बनायी जा सकती है.

NUCLEAR – स्कॉट नागरिक स्कॉटलैंड को नाभिकीय हथियारों से मुक्त देश बनाने चाहते हैं. ऐसे में स्कॉटलैंड में स्थित ब्रिटेन की नाभिकीय हथियार वाहक पनडुब्बियों को हटाना पड़ेगा.

OIL – यूनाइटेड किंगडम महाद्वीपिय पट्टी में 90 प्रतिशत ऑयल व गैस स्कॉटलैंड से आता है. इससे होने वाली आय से स्कॉटिश नार्वे की तरह खुद के वेल्थ फंड की स्थापना करना चाहते हैं.

PASSPORT – जन्म से या स्कॉटलैंड में रहनेवाले सभी ब्रिटिश नागरिक आजादी के बाद स्कॉटिश पासपोर्ट पाने के हकदार होंगे.

QUESTION – गुरुवार को सभी स्कॉटिश नागरिकों के समक्ष यही प्रश्न होगा कि ह्यक्या स्कॉटलैंड एक स्वतंत्र देश होना चाहिए?ह्ण यह प्रश्न स्वतंत्र चुनाव आयोग द्वारा तैयार किया गया है.

REFERENDUM – 2011 के स्कॉटिश पार्लियामेंट्री इलेक्शन में एसएनपी (स्कॉटिश नेशनल पार्टी) के बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बाद लाया गया. 1997 के बाद यह पहला जनमत-संग्रह है. 1997 के जनमत-संग्रह के बाद सम्मिलित स्कॉटिश संसद की स्थापना की गयी थी.

SALMOND – एक प्रमुख राजनेता के तौर पर स्कॉटिश नेशनल पार्टी के नेता सालमॉन्ड स्वतंत्रता अभियान के प्रमुख सूत्रधार हैं. आजादी के बाद वे देश का पहला प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं

TAX – स्कॉटिश नेशनल पार्टी का कहना है कि मौजूदा खर्च के स्तर के लिए टैक्स को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. कॉरपोरेशन टैक्स को तीन प्रतिशत तक कम करने और पर्सनल टैक्स एलाउंसेस को बढ़ाने की बात कही गयी है. दूसरी तरफ ब्रिटिश राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि यदि स्कॉटलैंड यूके में बना रहता है, तो मजबूत टैक्स पावर बनाया जायेगा.

UNIONIST – प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी, ब्रिटिश संसद में उनके सहयोगी डेमोक्रेट पार्टनर और विपक्षी पार्टी ने यूनियन में बने रहने का समर्थन किया है. इन लोगों ने ह्यनोह्ण अभियान का समर्थन किया है.

VOTING – 18 सितंबर को सभी मतदाता चुनाव प्रक्रिया में सम्मिलित होंगे. वोटिंग का अधिकार 16 वर्ष से अधिक के लोगों को दिया गया है.

WHISKY – एक प्रकार की शराब : पिछले वर्ष स्कॉटलैंड में व्हिस्की का कारोबार 4.26 बिलियन पाउंड था, जो स्कॉटिश फूड एंड ड्रिंक्स का 85 प्रतिशत है. स्वतंत्र स्कॉटलैंड के राज में यह महत्वपूर्ण आर्थिक पहलू बन सकता है. स्कॉटिश व्हिस्की एसोसिएशन ने घोषणा की है कि कूटनीतिक नेटवर्क को वैश्विक पहुंच तक सुनिश्चित करने और समृद्ध बनाने में उत्पादक अहम भूमिका निभायेंगे.

X – अंगरेजी का अक्षर : मतदाताओं को बैलेट पेपर पर क्रॉस का निशान लगाना होगा. रद्द किये गये बैलेट पेपर की गिनती नहीं की जायेगी.

Y – अंगरेजी का एक अक्षर : स्कॉटिश नागरिकों, ग्रींस और सोशलिस्टों द्वारा ह्ययेसह्ण यानी ह्यहांह्ण अभियान का समर्थन किया गया है.

ZOO – चिडि़याघर : सालमॉन्ड ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून का उपहास करते हुए कहते हैं कि कंजरवेटिव सांसदों (एक) के मुकाबले स्कॉटलैंड में ज्यादा पांडा हैं.

(स्रोत: एएफपी)

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