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बाबूलाल मरांडी से विशेष बातचीत:महागंठबंधन में दिक्कत नहीं,लेकिन नेता तय हो

झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधानसभा चुनाव में गंठबंधन को लेकर पत्ता नहीं खोल रहे हैं. भाजपा, कांग्रेस या फिर छोटे दल हों झाविमो ने विकल्प खुला रखा है. बाबूलाल कहते हैं : भाजपा, कांग्रेस या फिर कोई भी दल हो प्रस्ताव आयेगा, तो पार्टी फोरम में विचार होगा. अभी किसी का प्रस्ताव नहीं आया है. […]

झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधानसभा चुनाव में गंठबंधन को लेकर पत्ता नहीं खोल रहे हैं. भाजपा, कांग्रेस या फिर छोटे दल हों झाविमो ने विकल्प खुला रखा है. बाबूलाल कहते हैं : भाजपा, कांग्रेस या फिर कोई भी दल हो प्रस्ताव आयेगा, तो पार्टी फोरम में विचार होगा. अभी किसी का प्रस्ताव नहीं आया है. वह कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने की खबर को भी खारिज करते हैं. बाबूलाल मरांडी राज्य में महा गंठबंधन को भी कारगर बताते हैं, बशर्ते गंठबंधन का नेता तय हो. वह महा गंठबंधन में नेतृत्व तय कर चुनावी समर में कूदने की सलाह देते हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रहते महा गंठबंधन की संभावनाओं पर विचार करने के लिए तैयार नहीं है. प्रभात खबर के ब्यूरो प्रमुख आनंद मोहन ने श्री मरांडी से राजनीतिक संभावनाओं और भावी रणनीति पर बातचीत की.

विधानसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारी है?

विधानसभा चुनाव की तैयारी में पार्टी काफी पहले से लगी है. हम जनता के बीच लगातार जा रहे हैं. उनके संघर्षो के साथ हैं. राज्य में भ्रष्टाचार और लूट के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. पार्टी सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य की जनता झाविमो को लेकर उत्साहित है.

आनेवाले चुनाव में पार्टी गंठबंधन पर क्या सोचती है?

गंठबंधन का प्रस्ताव कहीं से आये, पार्टी प्लेटफॉर्म पर चर्चा होगी. अभी कहीं से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी कई दलों के साथ गंठबंधन का ऑफर था. पार्टी की बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन करना है, तो हम उस दिशा में बढ़े. गंठबंधन पर अकेले मुङो फैसला नहीं करना है, पार्टी के अंदर सहमति बनेगी. पार्टी वर्किग कमेटी में तय होगा.

चर्चा है कि भाजपा से भी बात चली है?

राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलना जुलना लगा रहता है. कोई किसी कार्यक्रम में मिलते हैं, तो कोई एयरपोर्ट पर मिलते हैं. राजनीतिक बातचीत होती रहती है. चलते-फिरते कई लोग मिल जाते हैं.

अभी आप दिल्ली में थे. चर्चा है कि राहुल गांधी से मिले?

मुझे भी जानकारी मिली है कि यहां मीडिया में राहुल गांधी से मिलने की बात सामने आयी है. मैंने राहुल गांधी से कोई मुलाकात नहीं की है. मुझे नहीं मालूम यह खबर कहां से आ रही है. मैं बोलूंगा, तो दूसरी बात होगी. आप ही राहुल गांधी के दफ्तर से पता लगा लें कि मैं उनसे मिला हूं या नहीं. पता भी चल जायेगा कि मैं झूठ बोल रहा हूं या नहीं.

आपकी बात से साफ है, गंठबंधन का विकल्प आप ने खुला रखा है, लेकिन प्राथमिकता या वैचारिक रूप से आप कांग्रेस या फिर भाजपा के साथ गंठबंधन करना चाहते हैं?

मैं कह रहा हूं कि इसमें प्राथमिकता या वैचारिक पक्ष का मामला नहीं है. चुनावी दृष्टिकोण से पार्टी के अंदर गंठबंधन तय होगा. मैं बात दूं कि कांग्रेस से बात हुई, तो उन्होंने विलय की बात कही थी. मैं किसी भी पार्टी में विलय नहीं करनेवाला हूं.

विलय का प्रस्ताव तो भाजपा ने भी दिया था?

हां, यह प्रस्ताव भाजपा से भी आया था. मैंने बहुत पहले ही साफ कर दिया था कि मेरी पार्टी का विलय किसी दल में नहीं हो सकता है.

लालू-नीतीश झारखंड में भी महा गंठबंधन की बात कर रहे हैं. झाविमो को शामिल करने की बात हो रही है?

महा गंठबंधन के बारे में कोई दिक्कत नहीं है. विचार कर सकते हैं, लेकिन महा गंठबंधन में नेतृत्व तय होना चाहिए. मैं साफ कर दूं कि मैं अपने आप को नेता प्रोजेक्ट करने की बात नहीं कर रहा हूं. मेरे कहने का गलत अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए. लेकिन आप ही बताएं हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते महा गंठबंधन किस मुंह से वोट मांगेगा. हमारे लिए मुश्किल होगी. ये मुख्यमंत्री रहे, तो स्वाभाविक तौर पर हमें इनके काम पर वोट मांगना होगा. सरकार ने जो काम किया है, उससे कैसे वोट मांगेंगे. राज्य के जो हालात हैं, उसमें हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते कैसे चुनाव लड़ा जा सकता है. राज्य में भ्रष्टाचार और लूट का आलम है. हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रहे, उप मुख्यमंत्री रहे, इनके शासन काल में क्या हुआ?

आपकी व्यक्तिगत इच्छा किस दल से तालमेल करने की है?

मेरी व्यक्तिगत इच्छा से पार्टी नहीं चलती है. पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलती है.

भाजपा के बड़े नेताओं से आपके अच्छे संपर्क रहे हैं?

मेरे संबंध सभी से अच्छे ही रहे हैं. आप बताएं कि किस से हमारा झगड़ा है. राजनीतिक लड़ाई अलग जगह है. मैंने कभी किसी से विद्वेष की राजनीति नहीं की है. कहीं से भी तालमेल का प्रस्ताव आये. भाजपा, कांग्रेस या राजद, हम पार्टी में तय करेंगे. पार्टी का मामला है.

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