संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै ने सुरक्षा परिषद की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि ये संगठन दुनिया में हो रहे संघर्षों से निपटने में असफल रहा है.
रिटायर होने से कुछ दिन पहले दिए भाषण में नवी पिल्लै ने कहा है कि संगठन ने संघर्षों को ख़त्म करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है.
अपने भाषण में उन्होंने कहा, "मानवाधिकार संगठनों की ओर से लगातार दी जा रही जानकारियों के बावजूद कई संकटों के मामले में संगठन का रवैया ढुलमुल रहा है और सुरक्षा परिषद संघर्ष को ख़त्म करने के लिए सैद्धांतिक फ़ैसले नहीं ले सकी है."
पिल्लै के अनुसार अगर सुरक्षा परिषद सक्रिय होती तो हज़ारों जानें बचाई जा सकती थीं.
मानवीय त्रासदी
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित बार-बार मानवीय त्रास्दी और विश्व शांति के उल्लंघनों पर हावी होते रहे हैं.
पिल्लै ने कहा कि संघर्षों को रोकना कठिन है लेकिन ऐसा किया जा सकता है.
पिल्लै ने अफ़ग़ानिस्तान, इराक़, यूक्रेन और मध्य अफ़्रीक़ी गणराज्य में जारी संकटों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की नाकामी बताया.
जॉर्डन के प्रिंस ज़ीद राअद ज़ीद अल-हुसैन सितंबर में चार साल के लिए संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार प्रमुख का पद संभालेंगे.
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