
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पत्रकार जेम्स फॉली की हत्या हिंसा की ऐसी घटना है जिसने पूरी दुनिया की अंतरात्मा को झकझोर दिया है.
राष्ट्रपति का कहना था कि कोई भी भगवान इस्लामिक स्टेट की इस कार्रवाई को समर्थन नहीं कर सकता. उन्होंने इस कार्रवाई को चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट का दीवालियापन करार देते हुए कहा कि ऐसे गुट का 21 वीं सदी से कोई लेना देना नहीं है.
इससे पहले फ्रांस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्यों और इलाक़े के देशों को इराक़ में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ लड़ाई में शामिल होना चाहिए.
इस्लामिक स्टेट ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें अमरीकी पत्रकार जेम्स फॉली का सिर कलम किया जा रहा है. अमरीका ने दिन में अमरीका ने पत्रकार जेम्स फ़ॉली की हत्या के वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि की थी.
इस घटना की अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने कड़ी निंदा की है.
(‘अमरीकी पत्रकार के क़त्ल’ का वीडियो जारी)
फॉली ने अमरीकी अख़बार ग्लोबल पोस्ट और फ्रांस की समाचार एजेंसी एएफपी सहित कई मीडिया समूहों के लिए मध्य पूर्व एशिया की काफी रिपोर्टिंग की है.
अपहरण
ग्लोबल पोस्ट ने अपने बयान में लोगों से जेम्स और उनके परिवार के लिए प्रार्थना करने को कहा है.
सीरिया में रिपोर्टिंग के दौरान आईएस के लड़ाकों ने फ़ॉली का नवंबर 2012 में अपहरण कर लिया था.
इससे पहले 2011 में लीबिया में गद्दाफ़ी के ख़िलाफ़ बग़ावत की रिपोर्टिंग के दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ था और उनका अपहरण कर लिया गया था.
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