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कभी खुद को छोटा या कमजोर न समझें

।। दक्षा वैदकर ।। हम किस शहर में पैदा होते हैं, किस परिवार में पैदा होते हैं, यह सब तो हमारे हाथ में नहीं होता, लेकिन हम किस रूप में मरते हैं, यह हमारे हाथ में होता है. कई लोग हैं, जो इस बात का रोना रोते हैं कि मैं छोटे शहर का हूं, मैंने […]

।। दक्षा वैदकर ।।

हम किस शहर में पैदा होते हैं, किस परिवार में पैदा होते हैं, यह सब तो हमारे हाथ में नहीं होता, लेकिन हम किस रूप में मरते हैं, यह हमारे हाथ में होता है. कई लोग हैं, जो इस बात का रोना रोते हैं कि मैं छोटे शहर का हूं, मैंने इंगलिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई नहीं की, इसलिए मैं अपने सपने पूरे नहीं कर सकता.

ऐसी सोच वाले लोगों को ओम पुरी की जिंदगी को करीब से जानना चाहिए. ओम पुरी बताते हैं कि बचपन में वे बहुत घुट-घुटे से रहते थे. अंतर्मुखी स्वभाव के थे. जब वे अपने आसपास के लोगों की जिंदगियों को देखते, तो उन्हें बहुत चुभन महसूस होती. उनके मन में बार-बार यह बात आती कि क्यों कोई व्यक्ति इतना अमीर है और क्यों कोई इतना गरीब. उनके दिल में कई सारी बातें थी, जो वे कहना चाहते थे. अभिव्यक्ति का यह माध्यम उनके लिए नाटक बना.

वे नाटकों के जरिये अपनी बात कहने लगे. ओम पुरी ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘जब मेरी एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) जाने की इच्छा हुई, उन दिनों मैं सरकारी नौकरी कर रहा था. मैं क्लर्क था. मैंने अपने सीनियर को कहा कि मुझें एनएसडी जाना है, तो उन्होंने मुझे कहा कि सरकारी नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती. थियेटर में पैसा नहीं है. तुम गरीब परिवार के हो, तुम्हें नौकरी ही करनी चाहिए. मैंने सीनियर की बात नहीं मानी और अप्लाइ कर दिया. मेरा सेलेक्शन हो गया और मैंने नौकरी छोड़ दी.’

ओम पुरी ने बताया कि वे पटियाला के रहनेवाले थे और पंजाबी मीडियम से उन्होंने पढ़ाई की थी. एनएसडी में उन्हें अंगरेजी की वजह से तकलीफ हो रही थी. एसएसडी के अलकाजी साहब ने उनकी इस समस्या को समझा और कहा कि अंगरेजी नहीं आती, तो हिंदी में बात करो.

साथ ही साथ अंगरेजी सुधारने के लिए अच्छे अंगरेजी अखबार पढ़ो. दोस्तों से अंगरेजी में बोलने की कोशिश करो. वे हंसेंगे, तो हंसने दो. अलकाजी साहब की सारे बातें उन्होंने मानी और आज यह दिन है कि वे अंगरेजी में 22-23 फिल्में कर चुके हैं. वे लोगों को संदेश देते हुए कहते हैं कि छह साल की उम्र में चाय के कप धोने वाला आज ओम पुरी बन सकता है, तो लाइफ में कुछ भी हो सकता है.

बात पते की..

– कभी अपने आप को छोटा या कमजोर न समझें. आपके अंदर अगर हिम्मत है, सपनों को पाने का जुनून है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं.

– दुनिया में कई लोग आपको नकारात्मक राय देंगे. आपको निराश, हताश कर देंगे. लेकिन उस वक्त हमें केवल दिल की बात सुननी चाहिए.

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