रांची के नामकुम प्रखंड के नचलदाग व तुंजू गांव की महिलाएं जुआ व खराब के खिलाफ एकजुट हो रही हैं. इन गांवों की महिलाएं ग्राम संगठन के माध्यम से इन बुराइयों के खिलाफ अभियान चला रही हैं.
रैलियों व बैठकें आयोजित कर इसके खिलाफ महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. महिलाओं का मानना है कि अभिभावकों के नशे व जुए की लत के कारण परिवार को नुकसान हो रहा है. अपने पति को इस लत से दूर रखने के लिए महिलाएं जोर-शोर से इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं. इन महिलाओं ने खुद नारा दिया है : हम भारत की नारी हैं, फूल नहीं चिंगारी हैं. हड़िया दारू बंद करो, जुआ खेलना बंद करो. इन नारों के साथ महिलाएं रैली निकाल रहीं हैं और शराब व जुए के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रही हैं.
दरअसल, महिलाओं में महिला संगठन बनाने की सोच राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ने से आयी. मिशन ने महिलाओं को आजीविका से जोड़ कर स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. इसके तहत मिशन द्वारा छह महीने पहले नामकुम के नचलदाग एवं तुंजू में महिला ग्राम संगठन का गठन किया गया है. इसके जरिये महिलाएं इस इलाके की समस्याओं का निराकरण कर रही हैं. यह संगठन मानता है कि इस इलाके में नशा व जुआ ही सबसे बड़ी समस्या है. इस संगठन की आमसभा महीने में एक बार अवश्य होती है. इस आमसभा में अलग-अलग स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने गांव की परेशानियों को लेकर आती हैं. पिछले महीने महिलाओं ने जुआ व नशाखोरी खत्म करने का संकल्प लिया.
संगठन की महिलाओं ने पाया कि कई महिलाएं भी शराब की आदी हैं और वे शराब निर्माण कर अपने घर की आजीविका चलाती हैं. ऐसे में इन्हें आजीविका मिशन के कार्यक्रमों से जोड़ना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. बहरहाल, उन्हें इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है. कई महिलाएं इस कारण दारू पीना व बनाना छोड़ चुकी हैं. उन्हें आजीविका के लिए सहयोग राशि देने का वादा किया गया है.