भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय परिषद की दिल्ली में चल रही बैठक में पार्टी के नए अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह की नियुक्ति पर मुहर लग गई है.
वो भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी थे और वहां पार्टी ने 80 में से 71 सीटें जीतीं.
अमित शाह सोहराबुद्दीन, कौसर बी और तुलसी प्रजापति की हत्या के मामलों में अभियुक्त भी हैं और उनपर एक महिला आर्किटेक्ट की ‘जासूसी’ का भी आरोप लगा था.
कई मामलों में अभियुक्त बने भाजपा अध्यक्ष
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी के प्रति अमित शाह की निष्ठा पर कोई सवाल नहीं किया जा सकता.
राजनाथ सिंह ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी को जीत दिलाने के लिए शाह की तारीफ़ भी की.
वहीं अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, "मुझे अध्यक्ष पद देकर पार्टी ने लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया है."
‘समाजवादी पार्टी की तुष्टिकरण नीति’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की टीम ने पार्टी को शानदार बहुमत दिलाया और लोगों ने गुजरात मॉडल में भरोसा जताया.
अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो विधानसभा चुनावों में जीत के लिए जी-जान से जुट जाएं.
अमित शाह: सब पर भारी वफ़ादारी?
शाह ने उत्तर प्रदेश में ख़राब क़ानून-व्यवस्था का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था चिंता का विषय है. क्योंकि राज्य सरकार का रवैया पक्षपात भरा है और उसकी नीति तुष्टिकरण की है."
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)