<figure> <img alt="म्यांमार रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/3B44/production/_110327151_300107a5-0efd-4817-9f79-d9b04ff1fafc.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>म्यांमार के लाखों रोहिंग्या बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.</figcaption> </figure><p>संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्या और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव को पारित किया है.</p><p>इस प्रस्ताव में म्यांमार से मुस्लिम रोहिंग्या और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नफ़रत को बढ़ावा देने से रोकने का अनुरोध भी किया गया है. </p><p>बौद्ध बहुल देश में 2017 में सेना की कार्रवाई के दौरान हज़ारों रोहिंग्या मारे गए और सात लाख से अधिक को भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी.</p><p>म्यांमार, जो पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था, ज़ोर देकर कहता है कि वह एक चरमपंथी ख़तरे का सामना कर रहा था.</p><p>इस महीने की शुरुआत में देश की नेता आंग सांग सू ची ने संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भी नरसंहार के आरोपों को ख़ारिज किया था.</p><figure> <img alt="म्यांमार रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/744C/production/_110327792_3c1ca308-a35f-46e3-b117-25f4a49ea53a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>क्या है प्रस्ताव में</h1><p>संयुक्त राष्ट्र में पारित हुए ताज़ा प्रस्ताव में एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय मिशन के तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है जिसमें म्यांमार के सुरक्षाबलों ने रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन और दुरूपयोग किया. मिशन ने इसे "अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के तहत सबसे गंभीर अपराध" क़रार दिया है. </p><p>प्रस्ताव में म्यांमार से सभी समूहों की रक्षा करने और मानवाधिकारों के उल्लंघनों को लेकर न्याय सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है. 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र के कुल 134 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया है जबकि नौ देशों ने इसके विरोध में मतदान किया और 28 अनुपस्थित रहे. </p><p>संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव क़ानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होते मगर ये संबंधित विषयों पर दुनिया के विचारों को दर्शाते हैं. </p><p>संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत हाऊ दो सुआन ने इस प्रस्ताव को दोहरे मानदंडों का उदाहरण और भेदभावपूर्ण क़रार दिया.</p><p>उन्होंने कहा कि यह म्यांमार पर एक अवांछनीय राजनीतिक दबाव बनाने के लिए तैयार किया गया था और इसमें रखाइन राज्य के जटिल हालात का समाधान खोजने का प्रयास नहीं किया गया. </p><figure> <img alt="रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/9206/production/_110328373_ebcde8d7-ee51-47f0-8ad3-fda5a0ea63bb.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>आईसीजे में भी चल रहा है मामला</h1><p>गैम्बिया एक छोटा सा मुस्लिम बहुल देश है. उसने दर्जनों अन्य मुस्लिम देशों की ओर से रोहिंग्या मुसलमानों का मामला आईसीजे में उठाया था.</p><p>इस महीने की शुरुआत में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सांग सू ची ने म्यांमार के ख़िलाफ़ लाए गए इस मामले को "आधा-अधूरा और ग़लत" बताया था.</p><p>सू ची ने कहा कि ‘सरकारी सुरक्षा चौकियों पर रोहिंग्या आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के कारण हुई हिंसा एक "आंतरिक सशस्त्र संघर्ष" था.’ उन्होंने स्वीकार किया कि हो सकता है कि म्यांमार की सेना ने कभी-कभार ग़लत तरीक़े से बल प्रयोग किया होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर सेना के जवानों ने युद्ध अपराध किए हैं तो ‘उन पर मुक़दमा चलाया जाएगा.'</p><figure> <img alt="म्यांमार रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/15AC4/production/_110327788_dc5fa3c5-1b25-4aea-80e9-31fd9c036be0.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>म्यांमार की सेना का कहना है कि वो चरमपंथियों से लड़ रही थी.</figcaption> </figure><p><strong>क्या हैं आरोप?</strong></p><p>साल 2017 की शुरुआत में, म्यांमार में दस लाख रोहिंग्या रहते थे. इसमें सबसे अधिक रोहिंग्या रखाइन में रहते थे. मुख्य रूप से एक बौद्ध देश म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध प्रवासी मानता है और उन्हें नागरिक मानने से इनकार करता है.</p><p>रोहिंग्या मुसलमानों के उत्पीड़न की समस्या काफ़ी पुरानी है. मगर 2017 में म्यांमार की सेना ने रखाइन राज्य में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था. </p><p>आईसीजे में गैम्बिया का दावा है कि ‘इस सैन्य अभियान का उद्देश्य सामूहिक हत्याओं, बलात्कार और घरों में आग लगाने के ज़रिये आंशिक या पूर्ण तौर पर रोहिंग्या मुसलमानों का सफ़ाया करना था.’ </p><p>इन आरोपों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के एक फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग मिशन का दावा है कि उसे ऐसे सबूत मिले हैं कि रखाइन में रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार को लेकर म्यामांर की सेना की जांच की जानी चाहिए.</p><p>अगस्त में, संयुक्त राष्ट्र की <a href="https://www.ohchr.org/EN/NewsEvents/Pages/DisplayNews.aspx?NewsID=24907&LangID=E">एक रिपोर्ट</a> में म्यांमार के सैनिकों पर नियमित और व्यवस्थित ढंग से महिलाओं, लड़कियों, लड़कों, पुरुषों और ट्रांसजेंडर लोगों के ख़िलाफ़ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और अन्य हिंसक यौन गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था.</p><p>10 रोहिंग्या पुरुष और लड़कों की हत्या के मामले में जेल में बंद म्यांमार के सात सैनिकों तो इस साल मई में सज़ा पूरी होने से पहले रिहा किया गया था. म्यांमार का कहना था कि उसने सिर्फ़ ‘रोहिंग्या आतंकवादियों’ के ख़िलाफ़ अभियान चलाया था. सेना पहले भी कहती रही है कि उसने कुछ ग़लत नहीं किया.</p><figure> <img alt="म्यांमार रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/262C/production/_110327790_7fc5fab7-ed6f-4a67-96ed-e776e43fa746.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p><strong>रोहिंग्या की वर्तमान स्थिति क्या है?</strong></p><p>सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार छोड़ना पड़ा है.</p><p>30 सितंबर तक 9 लाख 15 हज़ार रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के शिविरों में रह रहे थे. इनमें से 80 प्रतिशत लोग अगस्त और दिसंबर 2017 से इस साल मार्च के बीच बांग्लादेश पहुंचे हैं. </p><p>बांग्लादेश का कहना है कि अब वह और लोगों को अपने यहां शरण नहीं दे सकता. अगस्त में बांग्लादेश ने एक स्वैच्छिक वापसी योजना चलाई थी मगर एक भी रोहिंग्या ने वापस जाने का विकल्प नहीं चुना. </p><p>बांग्लादेश की योजना बंगाल की खाड़ी के एक छोटे से द्वीप भसन चार में 100,000 शरणार्थियों को स्थानांतरित करने की है. हालांकि, क़रीब 39 सहायता एजेंसियों और मानवाधिकार समूहों ने इस विचार का विरोध किया है.</p><p>सितंबर में बीबीसी के जोनाथन हेड ने ख़बर दी थी कि म्यांमार में रोहिंग्या के गांवों में पुलिस बैरक, सरकारी भवन और शरणार्थी पुनर्वास शिविर बनाए गए हैं. </p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2016/07/160702_myanmar_mob_burns_down_mosque_sdp?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">म्यांमार- भीड़ ने मस्जिद में आग लगाई</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-41208041?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’बांग्लादेश में रोहिंग्या मुस्लिमों की संख्या 2 लाख 70 हज़ार'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-38500499?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’रोहिंग्या मुसलमानों का हो रहा है नस्लीय सफ़ाया’ </a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें 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रोहिंग्या: मानवाधिकारों के उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र ने की म्यांमार की निंदा
<figure> <img alt="म्यांमार रोहिंग्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/3B44/production/_110327151_300107a5-0efd-4817-9f79-d9b04ff1fafc.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>म्यांमार के लाखों रोहिंग्या बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.</figcaption> </figure><p>संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्या और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव को पारित किया है.</p><p>इस प्रस्ताव में म्यांमार से मुस्लिम रोहिंग्या और अन्य […]
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