23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

केजरीवाल का ‘मुफ़्त ही मुफ़्त का जादू’ दिल्ली में चलेगा?

<figure> <img alt="मेट्रो के लेडीज़ कोच में महिलाएं" src="https://c.files.bbci.co.uk/8964/production/_108527153_tv041216595.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्लीवासियों के पानी बिल का बक़ाया माफ़ करने की घोषणा की है. इसके पहले इसी महीने प्रति माह 200 यूनिट तक बिजली उपभोग मुफ्त करने की घोषणा की गई थी. सरकार ने बिजली से जुड़े […]

<figure> <img alt="मेट्रो के लेडीज़ कोच में महिलाएं" src="https://c.files.bbci.co.uk/8964/production/_108527153_tv041216595.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्लीवासियों के पानी बिल का बक़ाया माफ़ करने की घोषणा की है. इसके पहले इसी महीने प्रति माह 200 यूनिट तक बिजली उपभोग मुफ्त करने की घोषणा की गई थी. सरकार ने बिजली से जुड़े कुछ फिक्स्ड चार्ज भी कम किए थे. </p><p>सन 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी, तब भी सरकार ने बिजली की दरें आधी और एक मात्रा में पानी मुफ़्त करने की घोषणा की थी. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुए इन फ़ैसलों के राजनीतिक निहितार्थ स्पष्ट हैं. </p><p>मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का राजनीतिक संदेश साफ़ है. उन्होंने लिखा, &quot;पहले दिल्ली में पानी का बिल आता था, पानी नहीं… अब दिल्ली में पानी आता है, बिल नहीं…&quot; ख़ासतौर से उनके कार्यकर्ता झुग्गी-झोपड़ियों में ज्यादा सक्रिय हैं. </p><p>केजरीवाल सरकार ने 15 अगस्त को एक और घोषणा की है. महिलाओं को 29 अक्तूबर यानी भाई दूज से डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ़्त सफ़र की सुविधा मिलेगी. इसके पहले उन्होंने दिल्ली मेट्रो में भी महिलाओं को मुफ़्त यात्रा की सुविधा देने का ऐलान किया था. पर यह संभव नहीं होगा, क्योंकि दिल्ली मेट्रो पर नीति-निर्णय का अधिकार सीधे उनके पास नहीं है. </p><figure> <img alt="अरविंद केजरीवाल" src="https://c.files.bbci.co.uk/BAA5/production/_108518774_gettyimages-1155803503.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>लोक-लुभावन राजनीति</h1><p>सन 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने नागरिकों को मुफ़्त वाईफ़ाई सुविधा देने का वायदा भी किया था. शायद इसकी घोषणा भी शीघ्र हो जाए. नागरिकों को सब्सिडी आधारित सुविधाएं देने का विचार कल्याणकारी राज्य की विशेषता है. इनका चुनाव से भी रिश्ता है, पर इसमे ग़लत क्या है? यह तो राजनीति का चलन है. </p><p>पैसे और डंडे के अलावा राजनीति लोक-लुभावन फॉर्मूलों से चलती है. हाल में राजस्थान और मध्य प्रदेश विधान सभा के चुनाव में राजनीतिक दलों ने स्मार्ट फोन देने का वायदा किया था. पंजाब में कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार इन दिनों इस वायदे को पूरा कर रही है.</p><p><strong>ग़रीबों </strong><strong>के मसीहा</strong></p><p>राजनीति में ग़रीब-परवर की छवि जादू करती है. इंदिरा गांधी के ‘ग़रीबी हटाओ’ ने किया था. 1985 में आंध्र विधानसभा के चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी के एनटी रामाराव ने दो रुपए किलो चावल देने का वादा किया. उन्हें ज़बर्दस्त सफलता मिली. भले ही चुनाव के बाद वहाँ आठ रुपए किलो चावल बिका, पर जादू तो चला. .</p><p>तमिलनाडु में जयललिता ने जादू चलाया. जयललिता की कम-से-कम 18 योजनाओं ने राज्य में ग़रीबों, स्त्रियों और समाज के दूसरे पिछड़े वर्गों के नागरिकों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.</p><p>वर्ष 1991 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं, तो उनकी अनोखी पालना (क्रैडल) स्कीम सामने आई. जयललिता ने कहा, यदि बेटी आपको नहीं चाहिए, तो हमें दे दीजिए. हम उन्हें पालेंगे. </p><figure> <img alt="जयललिता" src="https://c.files.bbci.co.uk/108C5/production/_108518776_gettyimages-1136739469.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>अम्मा योजनाएं</h1><p>सन 2006 में अन्ना द्रमुक ने अपने चुनाव घोषणापत्र में ‘थलिक्कु थंगम थित्तम’ (विवाह के लिए स्वर्ण) योजना शुरू करने का वादा किया. यह योजना 2011 में लागू भी हुई. इसके ग़रीब लड़कियों को चार ग्राम सोना और 50,000 रुपए तक नक़द देने की व्यवस्था है. जयललिता ने वादा किया था कि इस स्कीम में सोने की मात्रा बढ़ाकर एक गिन्नी के बराबर कर दी जाएगी. </p><p>उनकी सबसे लोकप्रिय स्कीमें ‘अम्मा’ नाम से चलीं. एक रुपये में थाली. इस स्कीम की तर्ज़ पर बाद में आंध्र प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में भी सस्ते भोजन की स्कीमें चलीं. </p><p>’अम्मा नमक’, ‘अम्मा सीमेंट’,’अम्मा ग्राइंडर-मिक्सी’, ‘अम्मा टेबल फैन’ और किसानों के लिए ‘अम्मा बीज’ जैसी योजनाएं चलीं. केवल 10 रुपए के टिकट पर तमिल फ़िल्में देखने का इंतज़ाम भी उन्होंने किया. </p><figure> <img alt="चुनाव में उपहार" src="https://c.files.bbci.co.uk/156E5/production/_108518778_gettyimages-90527373.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>क्या यह अनैतिक है?</h1><p>ज्यादातर सफल राजनेता इसी जादू के सहारे हैं. कहावत है ‘माले मुफ़्त, दिले बेरहम.’ कुछ मुफ़्त में मिले, तो मन डोलता ही है. पर क्या यह सांविधानिक और नैतिक दृष्टि से ठीक है? क्या इससे मुफ्तख़ोरी नहीं बढ़ेगी? क्या इस पैसे से कोई और बेहतर काम नहीं हो सकता? ऐसे कई सवाल मन में आते हैं, पर इनका जवाब कौन देगा? </p><p>एस सुब्रह्मण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु शासन (2013) केस की पृष्ठभूमि में तमिलनाडु विधानसभा के 2006 और 2011 के दो चुनाव थे. सन 2006 के चुनाव में डीएमके ने रंगीन टीवी देने का वायदा किया. पार्टी चुनाव जीती और सरकार ने टीवी बाँटे. </p><p>उधर 2011 के चुनाव में अन्ना डीएमके ने ग्राइंडर-मिक्सर, बिजली का पंखा, लैपटॉप, बेटी की शादी के लिए 50,000 रुपये, लड़कियों को चार ग्राम का मंगलसूत्र, मकान, मुफ़्त मवेशी और 20 किलो चावल वग़ैरह के वायदे किए. पार्टी जीती. </p><h1>क्या वोटर तय करेगा? </h1><p>इन दोनों मामलों को सुब्रह्मण्यम बालाजी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि उपहार देना तो, जन प्रतिनिधित्व क़ानून की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण है. पर हाईकोर्ट ने इन वायदों को भ्रष्ट आचरण नहीं माना. सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं माना. </p><p>अदालत मानती है कि बेशक मुफ़्त चीज़ों से वोटर प्रभावित होते हैं. चुनाव आयोग आचार संहिता बनाए. इसमें राजनीतिक दलों की राय भी शामिल करे. बाक़ी ज़िम्मेदारी वोटर की है. क्या वह इन बातों पर वोट देता है? क्या वह इतना समझदार है?</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें