नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने कहा है कि मलेशियाई विमान एमएच 17 जिस स्थान पर गिरा था, उसकी हिफ़ाज़त के लिए संयुक्त सैन्य बल नहीं भेजा जाएगा.
रूट के मुताबिक़ ऐसा करने से पूर्वी यूक्रेन के इस इलाक़े में तनाव और बढ़ सकता है.
मार्क रूट ने कहा, "सैन्य बल भेजने से इलाके में सक्रिय विद्रोही और उग्र हो सकते हैं जिससे स्थिति बिगड़ सकती है."
फ़िलहाल इस जगह का नियंत्रण रूस समर्थित विद्रोहियों के हाथ में हैं. इन्हीं विद्रोहियों पर मलेशियाई विमान एमएच17 को मार गिराने का आरोप है.
इस विमान हादसे में सभी 298 यात्रियों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज़्यादातर नीदरलैंड्स के नागरिक थे.
संघर्ष
इस बीच क्षेत्र में जारी ताज़ा संघर्ष में 13 लोगों की मौत हो गई हैं. यूक्रेन की सेना होरलीवका इलाके को विद्रोहियों के कब्ज़े से मुक़्त कराना चाहती है.
इस बीच अमरीका ने दावा किया है कि जारी संघर्ष में रूसी सेना पूरी तरह से विद्रोहियों का साथ दे रही है.
अपने दावे की पुष्टि के लिए उसने कुछ तस्वीरें जारी की हैं.
तस्वीरों में ‘रॉकेट लॉन्चर से हमलों के बाद ज़मीन पर बड़े गड्ढे दिखाए दे रहे हैं.
तस्वीरों के ज़रिए अमरीका ने दावा किया है कि विद्रोही, रूसी सेना के हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. रूस ने इन सभी आरोपों को पुरज़ोर खंडन किया है.
जहां विमान गिरा था उस जगह की अब तक ठीक तरह से जांच नहीं हो पाई है. मारे गए यात्रियों में से कुछ के शव अब तक नहीं मिले हैं.
विद्रोहियों पर आरोप है कि उन्होंने इस मलेशियाई विमान को मार गिराया था जबकि रूस का आरोप है कि यूक्रेन की सेना ने ये काम किया है.
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