संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने कहा है कि पूरे विश्व में सबसे अधिक खाने की क़िल्लत दक्षिणी सूडान में है.
सुरक्षा परिषद ने साठ करोड़ की वित्तीय मदद की घोषणा करने वाले देशों से अपना वादा निभाने की अपील की है.
सुरक्षा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और विद्रोहियों के बीच लड़ाई जारी रही तो दक्षिणी सूडान में बड़े पैमाने पर भुखमरी फैल सकती है.
विश्व खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का कहना है कि अगर तुरंत उपाय नहीं किए गए तो इस साल पचास हज़ार हजार बच्चे कुपोषण से मर सकते हैं.
‘कुपोषण की प्रलय’
दक्षिणी सूडान की एक तिहाई जनसंख्या भूख के ख़तरनाक स्तर का सामना कर रही है.
संयुक्त राष्ट्र के चिल्ड्रन्स इमरजेंसी फंड के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक का कहना है कि दक्षिणी सूडान में हालात तेज़ी से बिगड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समय रहते अहम कदम उठाने होंगे.
एंथनी लेक ने कहा, “यह समस्या कुपोषण की प्रलय बनती जा रही है. कितने ही बच्चों के लिए यह पोषण की आपदा है. हमें इस पर काम करने की जरूरत है. उनके बच्चों के लिए हालात बहुत गंभीर हैं जिनके लिए यूनीसेफ काम करता है. लेकिन हमें समय रहते उनकी मदद करनी होगी.”
दक्षिण सू़डान विश्व का नवीनतम देश है जो सूडान से वर्ष 2011 में अलग होकर स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर अस्तित्व में आया था.
यह अफ़्रीक़ी महाद्वीप के केंद्र में स्थित है और इसकी सीमा छह देशों से सटी है.
यह प्राकृतिक तेल के लिहाज़ से संपन्न देश है. पिछले कुछ सालों से यहां गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है.
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