जर्मनी में एक दिलचस्प वाकया तब सामने आया जब एक अमरीकी छात्र एक ख़ास प्रतिमा के बीच में फंस गया है.
जर्मनी की तुबिंगेन यूनिवर्सिटी में बनी यह प्रतिमा योनि के आकार की है. तो इस तरह ये छात्र पत्थर की योनि के बीच ही फंस गया था.
जर्मनी के समाचार पत्र श्वाबिशेस टाग्बला के मुताबिक इस छात्र को बचाने के लिए पांच अपातकालीन वाहन और 22 अग्निशमन कर्मियों की मदद लेनी पड़ी.
(चोरों से छूटे भीम, दुर्योधन और बलराम)
इरिक गुजमैन नाम के एक व्यक्ति ने एक फोटो शेयरिंग वेबसाइट पर लड़के की तस्वीरों को शेयर किया है.
गुजमैन के मुताबिक, "मैं वहीं था…वह लड़का सिर्फ़ एक मज़ाकिया तस्वीर लेना चाहता था. उसकी इस हरक़त से अग्निशमन दल नाराज़ था और वह लड़का काफ़ी शर्मिंदा."
प्यार की प्रतिमा
राहतकर्मियों के मुताबिक अमरीकी छात्र मूर्ति में घुसने की कोशिश करते फँस गया था. यह मूर्ति पेरू के कलाकार फर्नांडो डि ला जारा ने बनाई है.
(कला का मंदिर, समुद्र के अंदर)
इस मूर्ति को तुबिंगेन यूनिवर्सिटी के माइक्रो बॉयलॉजी और वायरोलॉजी विभाग के सामने 2001 में स्थापित किया गया था. इसका नाम ‘पाइ-चाकन’ है. पेरू की भाषा में इसका मतलब ‘यौन संबंध बनाना’ होता है.
अनुमान के मुताबिक यह मूर्ति 30 टन वजन की है. इसकी कीमत करीब एक लाख बीस हज़ार यूरो (करीब 1.2 करोड़ रुपये) आंकी गई है.
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