सिमडेगा : आदिवासी क्लब को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. पूर्व प्रधान महालेखाकार बेंजामिन लकड़ा ने आदिवासी क्लब को पुनर्जीवित करने की बीड़ा उठायी है.
श्री लकड़ा ने बताया कि आदिवासी क्लब की स्थापना 1935 में हुई थी. साठ , सत्तर एवं अस्सी के दशकों में यह क्लब सिमडेगा में खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र हुआ करता था.
समय के साथ-साथ कई बदलाव आये और इस क्लब की गतिविधियों में गिरावट आने लगी तथा इसे लोग भूलने लगे. अब स्थिति यह है कि नयी पीढ़ी के लोग इस क्लब से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं.
इधर कुछ लोगों ने आदिवासी क्लब को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया तथा पूर्व प्रधान महालेखाकार बेंजामिन लकड़ा के नेतृत्व में क्लब को पुन: स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है.
श्री लकड़ा ने क्लब को संचालित करने के लिए संविधान का प्रारूप भी तैयार कर लिया है. जिसे वह नौ जून को एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में पेश करेंगे.
कार्यक्रम में भाग लेने के लिये श्री लकड़ा ने सभी आदिवासी समुदाय के गण्यमान्य व्यक्तियों के पास निमंत्रण भी भेजा है. श्री लकड़ा का कहना है कि आदिवासी क्लब को पुनर्जीवित करने के बाद वह सिमडेगा क्लब व प्रेस क्लब को सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम करेंगे.