‘प्रेम विवाह करने पर’ लाहौर की अदालत के बाहर पत्थर मारकर जान से मार डाली गई महिला के पति का कहना है कि पुलिस ने हमले को रोकने के लिए कुछ नहीं किया.
तीन महीने की गर्भवती फ़रज़ाना परवीन को अपने प्रेमी से विवाह करने के कारण मंगलवार को कथित तौर पर उनके परिजनों ने मार डाला था.
फ़रज़ाना के पति मोहम्मद इक़बाल ने बीबीसी को बताया, "हम मदद के लिए चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुनी."
संवाददाताओं का कहना है कि पाकिस्तान में हर साल इज़्ज़त के नाम पर सैकड़ों महिलाएं मारी जाती हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था की आयुक्त नवी पिल्ले ने कहा कि वो इस घटना से गहरे सदमे में हैं. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से तुरंत और कड़े क़दम उठाने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा, "मैं इसे इज़्ज़त के नाम पर हत्या नहीं कहना चाहूँगी. किसी महिला की इस तरह से हत्या करने में रत्ती भर भी इज़्ज़त नहीं है."
‘शर्मनाक और अमानवीय’
वहीं मोहम्मद इक़बाल ने इस हमले को रोकने में नाकाम रहने पर पुलिस को "शर्मनाक" और "अमानवीय" बताया.
उन्होंने कहा, "हमारी किसी ने नहीं सुनी. मेरे एक रिश्तेदार ने पुलिस का ध्यान खींचने के लिए कपड़े भी उतारे लेकिन उन्होंने बीच बचाव नहीं किया. वो फ़रज़ाना को मरते हुए देखते रहे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया."
पाकिस्तान में आमतौर पर परिवार की मर्जी से शादी का रिवाज़ है और कुछ रुढ़िवादी समुदायों में अपनी इच्छा से शादी करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता.
फ़रज़ाना के पिता ने बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया लेकिन हमले में शामिल दूसरे परिजनों को पुलिस ने अभी तक गिरफ़्तार नहीं किया है.
इक़बाल ने कहा कि फ़रज़ाना के परिजन उन्हें और उनके परिवार को धमकियां दे रहे थे.
उन्होंने कहा, "कल उन्होंने कहा था कि वे शव को अपने कब्जे में ले लेंगे. हमें पुलिस लेकर यहां आना पड़ा था."
स्थानीय पुलिस प्रमुख मुजाहिद हुसैन ने कहा, "हमने उनमें से कुछ को गिरफ़्तार किया है और दूसरे लोगों की जाँच चल रही है."
आरोप
फ़रज़ाना के परिवार ने आरोप लगाया था कि मोहम्मद इक़बाल ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है.
हालांकि फ़रज़ाना ने पुलिस को अपने बयान में बताया था कि उन्होंने अपनी इच्छा से विवाह किया है.
इक़बाल ने बीबीसी को बताया कि जब वह मंगलवार को अपनी पत्नी के साथ अदालत पहुँचे तो उनकी पत्नी के रिश्तेदार वहां इंतज़ार कर रहे थे और उन्होंने उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश की.
फ़रज़ाना ने ख़ुद को छुड़ाने की कोशिश की तो वे उसे फ़र्श पर घसीटने लगे और उसके सिर पर ईंटें मारी जिससे उसकी मौत हो गई.
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि पिछले साल पाकिस्तान में 869 महिलाओं की इज़्ज़त के नाम पर हत्या की गई. हालांकि माना जा रहा है कि यह आंकड़ा इससे कहीं ज़्यादा हो सकता है.
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