असम के कार्बी-आंग्लोंग ज़िले में भीड़ ने दो युवकों की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी.
यह घटना शुक्रवार की शाम क़रीब 8 बजे की है. इस घटना में मारे गए युवकों की शिनाख़्त नीलोत्पल दास और अभिजीत नाथ के रूप में की गई है.
नीलोत्पल दास पेशे से सांउड इंजीनियर थे जबकि अभिजीत गुवाहाटी में व्यवसाय कर रहे थे.
पुलिस ने दावा किया है कि भीड़ ने ‘बच्चा चोरी’ करने के संदेह में इन युवकों पर हमला किया.
इस घटना में अब तक पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है और कई अन्य की तलाश की जा रही है.
कार्बी-आंग्लोंग ज़िले के पुलिस अधीक्षक वी शिवा प्रसाद ने बीबीसी से कहा, "गुवाहाटी से दो युवक शुक्रवार को कार्बी-आंग्लोंग आए थे. एक का नाम नीलोत्पल दास था और दूसरे का नाम अभिजीत नाथ. हमारी जानकारी के अनुसार दोनों युवक कार्बी-आंग्लोंग में सजावटी मछलियां पकड़ने के इरादे से आए थे."
पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस बारे में दोनों युवकों ने न किसी को सूचित किया था और न ही किसी लोकल गाइड को अपने साथ ले गए थे.
जिस इलाके में वे गए थे उसे कंगथिलांगसु कहा जाता है. यह इलाका राजमार्ग से करीब 17 किलोमीटर दूरी पर है और स्थानीय थाने से इसकी दूरी करीब 25 किलोमीटर है.
पुलिस के मुताबिक रात करीब 8 बजे दोनों युवक कुछ मछलियां पकड़कर जब वापस लौट रहे थे उस समय पंजारी कछारी गांव के पास ग्रामीणों ने उन्हें रोका. असम में चाइल्ड लिफ्टर्स के विषय को लेकर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही हैं. गांव के लोगों ने दोनों युवकों से इन अफवाहों को जोड़ते हुए उन्हें पीटना शुरू कर दिया जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.
सोशल मीडिया पर युवकों की पिटाई वाला वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें नीलोत्पल, अपने हमलावरों से अनुरोध करते देखे जा रहे हैं. वो भीड़ से कह रहे हैं, "मुझे मत मारो… प्लीज़ मुझे मत मारो. मैं असमिया हूं. मेरा विश्वास करो, मैं सच बोल रहा हूँ. मेरे पिता का नाम गोपाल चंद्र दास है और मां का नाम राधिका दास है…प्लीज़ मुझे जाने दो."
जिस इलाके में यह घटना हुई है वह आदिवासी बहुल इलाका है. दोनों युवकों की हत्या पर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने नाराज़गी जताई है. कई लोगों ने लिखा है कि अपने राज्य में इतनी बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी जाएगी तो हमारी सुरक्षा का क्या होगा.
पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से असम में ‘सोपा धोरा’ अर्थात चाइल्ड लिफ्टर्स की बात को लेकर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर काफी अफवाहें फैलाई जा रही है. हालांकि ये अफवाह कौन फैला रहा है इस पर अबतक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है.
राज्य की कानून-व्यवस्था देख रहे पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक मुकेश अग्रवाल इस घटना के बाद कार्बी-आंगेलोंग के दौरे पर है. उन्होंने कहा, "अफवाहें शुरू होने के बाद, उन्हें पूरी तरह रोकने के लिए कुछ दिन का समय लगता है. पुलिस अपने विभिन्न सूत्रों से इन अफवाहों को रोकने का प्रयास कर रही है."
उन्होंने बताया कि राज्य में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछले कुछ दिनों में शोणितपुर, पश्चिम कार्बी- आंग्लोंग और नगांव में स्थानीय लोगों द्वारा ऐसे लोगों पर हमले करने कई घटना हो चुकी है.
कार्बीं-आंग्लोंग की इस घटना के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने एक सरकारी बयान जारी करते हुए कहा ,"पिछले कुछ दिनों से राज्य में कई जगहों पर कुछ लोग आधारहीन अफवाहें फैलाकर समाज की सुख-शांति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहें हैं. सरकार के नोटिस में ये बात आई है. कानून हाथ में लेने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
मुख्यमंत्री ने लोगों से इस तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील करते हुए ऐसी किसी भी बात पर तुरंत प्रशासन से संपर्क करने को कहा है. साथ ही ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. राज्य सरकार ने ऐसी अफवाहों को रोकने तथा लोगों की मदद करने के लिए कंट्रोल रूम खोले हैं और संपर्क के लिए फोन नंबर भी जारी किए हैं.
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