इन दिनों विभिन्न परीक्षाओं के परीक्षा फल प्रकाशित होने का दौर चल रहा है. स्कूल-कॉलेज से लेकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा के परिणाम घोषित हो रहे हैं. इनमें कई छात्र अच्छा परिणाम प्राप्त करके आगे बढ़ जाते हैं और कई या तो चयनित होने से वंचित रह जाते हैं या फिर उनके अपेक्षा अनुसार अंक नहीं आते. कई छात्रों को ऐसा लगता है कि अब जीवन में कुछ भी नहीं बचा, उनका आत्मविश्वास खत्म होता नजर आता है. परंतु, क्या आप जानते हैं कि विश्व में जितने भी बेहद सफल लोग हुए हैं, उन्होंने कभी न कभी भारी असफलता का सामना किया है. उनकी खास बात यह थी कि असफलता ने उनको कुछ समय के लिए परेशान तो किया, परंतु उन्होंने अपने आत्मविश्वास को गिरने नहीं दिया, और उनकी असफलता उनके जीवन की टर्निग प्वॉइंट साबित हुई. आज हम बात करेंगे ऐसे ही पांच लोगों की, जिनके जीवन से हमें भी असफलता को अपनी शक्ति बनाने की प्रेरणा मिलेगी.
त्न1970 की बात है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय का एक छात्र अपनी परीक्षा में वांछित अंक नहीं ला सका, जिस कारण उसे विश्वविद्यालय से निकल दिया गया. उस छात्र ने सोचा कि अब क्या करूं. वह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी खोलना चाहता था. उसके पास पैसे नहीं थे. उसने अपने एक मित्र से 50 डॉलर उधार लिये और अपना काम शुरू किया. आज उस छात्र का नाम बिल गेट्स है और उसकी कंपनी का नाम माइक्रोसॉफ्ट है.
त्नकुछ दशक पहले की बात है. अमेरिका में एक परिवार रहता था. उस परिवार की आमदनी इतनी भी नहीं थी कि सभी सदस्य दो वक्त का खाना ठीक से खा सकें. उस परिवार का एक लड़का था जो पढ़ने में मेधावी था, लेकिन पारिवारिक हालात को देखते हुए वह अधिक पढ़ नहीं सका. जब वह बड़ा हुआ तो उसने एक बिजनेस शुरू किया. परंतु उस बिजनेस में वह बुरी तरह असफल रहा. फिर वह पॉलिटिक्स में आ गया. लगातार 12 बार वह असफल होता चला गया. मगर उसने हिम्मत नहीं हारी. अंत में वह अमेरिका का 16वां राष्ट्रपति बना. यह अब्राहिम लिंकन की कहानी है.
त्नथॉमस एडिसन, जिन्होंने बल्ब और मूवी कैमरा सहित कई अन्य अविष्कार किये. उन्हें बचपन में स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उनके शिक्षक को लगता था कि यह लड़का किसी काम का नहीं है और वह जीवन में कभी कुछ भी नहीं कर पायेगा.
त्नमहानायक अमिताभ बच्चन जब अपना कैरियर प्रारंभ कर रहे थे, तो उनके पास कोई काम न था. उन्होंने देखा कि ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर कि वेकेन्सी है. वे जब साक्षात्कार के लिए गये, तो उनको यह कह कर रिजेक्ट कर दिया गया कि आपकी आवाज बेकार है. बताने की जरूरत नहीं कि बाद में फिल्मों में उनकी अप्रत्याशित सफलता में उनकी आवाज का बड़ा योगदान रहा है.
त्नहम सबने कभी न कभी डिज्नी की काटरून फिल्में टीवी पर देखी होगी. विश्व भर में प्रसिद्ध इन फिल्मों के निमार्ता, निर्देशक थे अमेरिकी फिल्ममेकर वाल्टर डिज्नी. कुछ दशक पहले जब उन्होंने अपना पहला काटरून फिल्म प्रोडक्शन किया था, तो वह बुरी तरह फ्लॉप रहा और वह दिवालिया हो गये लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज उनकी प्रोडक्शन कंपनी विश्व की सबसे अधिक कमाई करनेवाली कंपनियों में से एक है. उपरोक्त बातों से यही निष्कर्ष निकलता है कि अगर हम सफलता की दौड़ में आज कुछ पीछे भी रह गये हैं तो कोई बात नहीं. हमें आगे बढ़ने के लिए खुद को उस धावक की तरह ढालने की जरूरत है, जो दौड़ने से पहले पीछे की ओर झुक कर स्वयं को तैयार करता है. याद रहे, यदि हम अपनी असफलता से सबक लेकर आगे बढ़ने की ठान लें, तो यह हमारे जीवन और कैरियर का टर्निग प्वॉइंट साबित होगा.
आशीष आदर्श
कैरियर काउंसेलर
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