नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के अवसर पर अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि इस निर्वाचन में भाजपा का मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरना, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का खामोश रहना और कई सालों बाद मूक ‘बूथ कैप्चरिंग’ का लौटना इसके कुछ उच्च और निम्न बिंदु रहे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘एक साल पहले यूपीए के प्रति सत्ता विरोधी रुझान साफ होने लगा था. ऐसे में यह चुनाव सत्ता विरोधी माहौल और नरेंद्र मोदी के प्रति बनी लोगों की ‘सकारात्मक उम्मीदों’ के परिदृश्य में लड़ा गया. उन्होंने कहा कि नौ चरणों में हुए मतदान के बाद एग्जिट पोल का प्रसारण शुरू हो गया. अगर सावधानी बरतते हुए कहा जाये, तो एग्जिट पोल के गलत साबित हो सकने का भी अंदेशा रहता है. लेकिन, मुङो इस बारे में कोई संदेह नहीं कि बड़े पैमाने पर हुए मतदान का अर्थ निर्णायक वोट होगा. और इस चुनाव में निर्णायक वोट का मतलब केवल मोदी के पक्ष में, भाजपा के पक्ष में या एनडीए के पक्ष में मतदान ही हो सकता है.
चुनाव के उच्च बिंदु
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि वर्ष 2014 के आम चुनावों का उच्च बिंदु भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदर्शित ऊर्जा है, जिन्होंने एक भी सभा मिस नहीं की. वह देश के हर कोने में गये. उन क्षेत्रों में भी भाजपा के प्रति माहौल बनाने में कामयाब रहे, जहां हमारी पार्टी की परंपरागत रूप से खास पैठ नहीं है.
चुनाव के निम्न बिंदु
अरुण जेटली ने कहा कि इस बार के आम चुनाव के निम्न बिंदुओं में निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का चुनाव प्रचार में नजर नहीं आना और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा भी अपने आप को प्रेस वार्ताओं तक सीमित रख कर मोदी के विरुद्ध गाली गलौच की भाषा का प्रयोग करना रहा. अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि इसके अलावा लगभग एक दशक बाद कुछ राज्यों में ‘मूक बूथ कैप्चरिंग’ का लौटना भी इस निर्वाचन के निम्न बिंदुओं में है.
फिर भी लोकतंत्र के लिए गर्व की बात
चुनाव के उच्च और निम्न बिंदुओं के बीच विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में जिस तरह लगभग एक महीने तक चला मतदान संपन्न हुआ, वह भारतीय लोकतंत्र के लिए गर्व की बात है.