कौन कहता है कि हिंदी भाषा में रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की जा सकती है. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय प्रबंधन शिक्षा से लेकर आइटी तक की पढ़ाई हिंदी भाषा में करा रहा है. आइए जानें, रोजगार से जुड़े कैसे-कैसे कोर्सो को स्वरूप दे रहा है यह विश्वविद्यालय..
हिंदी भाषी छात्र प्रबंधन, आइटी, फिल्म, जर्नलिज्म आदि की पढ़ाई को अकसर दूर की कौड़ी समझ लेते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है. वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने छात्रों की इस परेशानी को दूर करने के लिए व्यापक तैयारी की है.
हिंदी विवि दे रहा है मौके
विश्वविद्यालय नये सत्र से कई नये पाठ्यक्रम (शिक्षा शास्त्र, मनोविज्ञान आदि) शुरू करने जा रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा नयी पीढ़ी की आकांक्षाओं के अनुरूप कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जनसंचार, इन्फॉर्मेटिक्स एंड लैंग्वेज इंजीनियरिंग, नाट्यकला एवं फिल्म अध्ययन, हिंदी भाषा प्रौद्योगिकी, अनुवाद प्रौद्योगिकी समेत कई विषयों में एमए, एमफिल और पीएचडी के रोजगारपरक पाठ्यक्रम हिंदी माध्यम से संचालित किये जा रहे हैं. नये अवसरों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने जापानी, स्पेनिश और चीनी भाषाओं के लिए दो वर्षीय एडवांस्ड डिप्लोमा और अंगरेजी, मराठी, उर्दू और संस्कृत भाषाओं के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया है.
रोजगारपरक पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय के रोजगारपरक कई पाठ्यक्रम चलाये जाते हैं. इनमें से प्रमुख हैं – एमएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया. माइग्रेशन, डायस्पोरा एवं ट्रांसनेशनल सांस्कृतिक अध्ययन (एमफिल, पीएचडी). कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स (एमए, एमफिल, पीएचडी). इन्फॉर्मेटिक्स एंड लैंग्वेज इंजीनियरिंग (एमए, एमफिल, पीएच.डी.). विज्ञापन एवं जनसंपर्क. टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण. इंडियन एंड वेस्टर्न आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स आदि.
योग्यता एवं प्रवेश प्रक्रिया
एमए पाठ्यक्रम के लिए संबंधित अनुशासन में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए. एमए के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश मेरिट/ इंटरएक्टिव सेशन के आधार पर दिया जायेगा. एमफिल हेतु दाखिला प्रक्रिया क्रमश: दो चरणों में पूरी होगी. प्रथम चरण में लिखित परीक्षा होगी, जिसमें संबंधित विषय की सामान्य जानकारी, सामान्य ज्ञान से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न, लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रथम चरण में सफल विद्यार्थियों का द्वितीय चरण में साक्षात्कार में सफलता के उपरांत चयन किया जाता है. पीएचडी में प्रवेश के लिए यूजीसी के न्यूनतम मानक 2009 के अनुसार तीन चरणों में प्रक्रिया पूरी होगी. प्रथम चरण में लिखित परीक्षा, द्वितीय चरण में अंतरक्रियात्मक / कार्यशाला, जबकि तृतीय चरण में साक्षात्कार के जरिये चयन किया जाता है.
त्नप्रस्तुति : डॉ अमित विश्वास