इस्लामाबाद : चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) पर भारत कभी भी हमला कर सकता है. ऐसी कोई घोषणा भारत की ओर से आधिकारिक रूप से नहीं की गयी है, बल्कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को ऐसा अंदेशा है. पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने इस संबंध में गिलगित-बलुचिस्तान के गृह विभाग को एक पत्र लिखा है और आशंका जतायी है कि भारत करोड़ों डॉलर की इस परियोजना पर हमला कर सकता है और इसके लिए उसने 400 मुसलमानों को ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान भेजा है.
पाकिस्तानी सरकार ने दोनों प्रदेश को किसी भी अप्रिय वारदात से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिये हैं. समाचार-पत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के गृह विभाग ने 28 जनवरी को इस संबंध में गिलगित-बलुचिस्तान के होम डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है. इसके बाद गिलगित-बालुचिस्तान की सरकार ने CPEC के सभी मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी.
क्या है CPEC
चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) बना रहा है. इस कॉरिडोर से कई बिलियन डॉलर के खर्च की उम्मीद है. सीपीईसी के बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के जरिए 46 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 2015 में हुई थी. अगर ये पूरा होता है तो इसके जरिए तीन हजार किलोमीटर के सड़क नेटवर्क के साथ-साथ रेलवे और पाइपलाइन लिंक भी पश्चिमी चीन से दक्षिणी पाकिस्तान को जोड़ेगा.
चीन द्वारा बनाया जा रहा ये कॉरिडोर बलूचिस्तान प्रांत से होकर गुजरेगा, जहां दशकों से लगातार अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं. इसके साथ-साथ गिलगिट-बलुचिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी शामिल है. इस कॉरिडोर पर भारत के विरोध के बावजूद चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है.