लंदन : शादी के बंधन में बंधकर आप बुढापे में होने वाली स्मृति क्षय (डिमेन्शिया) की बीमारी को अपने से दूर रख सकते हैं. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है जिसमें पाया गया कि जीवनभर कुंवारे रहने वाले और विधुर-विधवाओं में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है. न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और साइकाइटरी में प्रकाशित इस अध्ययन में 15 संबंधित अध्ययनों का डेटा शामिल किया गया है.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने डिमेन्शिया के खतरे और वैवाहिक स्थिति के बीच संबंधों की जांच करने का प्रयास किया। इस अध्ययन के लिए उन्होंने यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा एशिया के आठ प्रतिभागियों को शामिल किया. उन्होंने पाया कि विवाहित लोगों के मुकाबले जीवनभर अकेले रहने वाले लोगों में डिमेन्शिया का खतरा 42 प्रतिशत तक बढ जाता है.
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि शादीशुदा जोडों की जीवनशैली ज्यादा सेहतमंद होती है, वे ज्यादा व्यायाम करते हैं, सेहतमंद भोजन करते हैं और कम धूम्रपान या शराब पीते हैं. ये सभी बातें डिमेंशिया के खतरे को कम करती हैं.