कॉक्स बाजार : रोहिंग्या समुदाय के लोगों को ले जा रही एक नौका बांग्लादेश की समुद्री सीमा में पलट गयी. इस घटना में कम से कम 15 लोग डूब गये और कई के लापता होने का अंदेशा है. उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने म्यामां के नेताओं से शरणार्थियों की पीड़ा को खत्म करने का अनुरोध किया है.
रोहिंग्या शरणार्थी संकट बढ़ने के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद म्यांमार पर खास सार्वजनिक बैठक करेगी. अमेरिका ने जातीय अल्पसंख्यकों के सफाये के लिए देश की आलोचना की जबकि बीजिंग और मॉस्को ने म्यामां प्रशासन का समर्थन किया. बौद्ध बहुल म्यामां की सेना द्वारा रोहिंग्या विद्रोहियों के खिलाफ कठोर अभियान चलाने के बाद पिछले महीने पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भाग गये थे.
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क्या कहा प्रत्यक्षदर्शियों ने
प्रत्यक्षदर्शियों और हादसे में बचे हुए लोगों ने बताया कि नौका गुरुवार को अशांत समुद्र में तट से कुछ ही मीटर दूर थी लेकिन मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं के चलते यह पलट गयी. स्थानीय पुलिस निरीक्षक मोहम्मद काई-किसलू ने एएफपी को बताया कि कम से कम 10 बच्चों और चार महिलाओं सहित 15 शव तट पर बह कर आ गये और आशंका है कि मृतक संख्या में इजाफा हो सकता है. एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद सुहैल ने बताया कि वे हमारी आंखों के सामने डूबे. मिनटों के बाद ही लहरें शवों को तट पर ले आईं.
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हिंसा मध्य म्यांमार के रखाइन राज्य में अशांति का कारण
वर्ष 2009 से ही सुरक्षा परिषद के 15 में से सात सदस्यों ने म्यामां पर विश्व निकाय की पहली आम बैठक बुलाने के लिए वोट किया लेकिन वे किसी संयुक्त सहमति पर नहीं पहुंच पाये. गुतारेस ने अधिकारियों से सैन्य अभियान बंद करने और हिंसा प्रभावित पश्चिमी क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचने देने का आग्रह किया. संघर्ष की वजह से विस्थापित हुए लोगों को घर लौटने की इजाजत दिये जाने की मांग करते हुए गुतारेस ने कहा दुनिया में स्थिति तेजी से शरणार्थी आपदा, मानवता और मानवाधिकार की समस्या में तब्दील हो रही है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि सुनियोजित तरीके की गयी हिंसा मध्य म्यांमार के रखाइन राज्य में अशांति का कारण है जिससे 250,000 मुस्लिमों के विस्थापित होने का खतरा है.