वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बारे में कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता डीएन जीवराज ने विवादित बयान दिया है. गौरी लंकेश की मंगलवार को बेंगलुरु में उनके घर के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बीजेपी नेता डीएन जीवराज ने कहा कि अगर गौरी लंकेश हिंदुत्व विरोधी लेख नहीं लिखतीं तो उनकी हत्या नहीं होती.
कर्नाटक में साल 2008-13 के बीच बीजेपी की सरकार में मंत्री रह चुके डीएन जीवराज ने चिकमंगलूर में बीजेपी की एक रैली में कहा, ‘अगर उन्होंने चड्डीवालों की मौत के जश्न की बात नहीं लिखी होती तो वो आज ज़िंदा होतीं.’
उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘हमने देखा है कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में कई आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई है. अगर गौरी लंकेश ने चड्डीवालों की मौत के जश्न के बारे में नहीं लिखा होता तो वो ज़िंदा होतीं. गौरी मेरी बहन जैसी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने हमारे खिलाफ़ लिखा, वो स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’
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कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं की मंगलुरु में बाइक रैली पर पुलिस ने रोक लगाई थी जिसके बाद जीवराज कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
बीजेपी कर्नाटक में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया, पॉप्यूलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर रोक लगाने की मांग करती रही है. बीजेपी का कहना है कि कथित तौर पर ये संगठन आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या का समर्थन करते रहे हैं.
बीजेपी मुस्लिम संगठनों का समर्थन करने के लिए पर्यावरण मंत्री रामनाथ राय के इस्तीफ़े की भी मांग कर रही है.
बयान पर सवाल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जीवराज के बयान पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, ‘इसका क्या मतलब है? इससे क्या अनुमान लगाया जाए?इसका मतलब ये नहीं है कि वो लोग इसके पीछे हैं?’
हालांकि जीवराज ने बीबीसी को बताया, ‘मैंने वो भाषण पुलिस के भारी दबाव के बीच दिया था क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि मैं कार्यकर्ताओं को संबोधित करूं. बाद में हम सबको गिरफ्तार कर लिया गया था. मैंने कहा था कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हमारे 11 पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई. क्योंकि वो मुख्यमंत्री की क़रीबी थी, उन्हें मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के लिए मुख्यमंत्री से कहना चाहिए था.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने सीबीआई जांच की मांग की है जो गौरी, विचारक डॉ एमएम कलबुर्गी के साथ-साथ संघ परिवार के 11 सदस्यों की हत्या की भी जांच करेगी.’
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जीवराज ने कहा, ‘मेरी ग़लती ये थी कि मुझे अपने बयान में एक और वाक्य जोड़ना था जिससे इसका मतलब कुछ और होता. मैं क्यों गौरी लंकेश जैसी वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ़ रहूंगा.’
इस बीच जीवराज का बयान इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही एसआईटी अख़बारों में उनके लेख और सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट की भी छानबीन कर रही है.
एसआईटी ने हत्या के स्थल का मुआयना करने के साथ जांच की शुरुआत की है.
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