30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

5 दिवसीय विष्णु पंचक व्रत शुरू, घरों में रंगोली बना कर हो रही राय-दामोदर की पूजा

Vishnu Panchak Vrat 2020 : सरायकेला-खरसावां जिला में ओड़िया समुदाय का 5 दिवसीय पवित्र विष्णु पंचक व्रत मंगलवार से शुरु हो गयी. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक माह को सबसे पवित्र माह मानते हैं तथा कार्तिक माह के अंतिम 5 दिनों तक पंचक व्रत का पालन करते हैं. इस दौरान महिलाएं कार्तिक माह में दशमी के लेकर पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्थान पर पूजा अर्चना करती हैं. पंचक पर 5 दिनों तक महिलाएं सुबह जलाशयों में स्नान कर भगवान राय दामोदर की पूजा करती हैं.

Vishnu Panchak Vrat 2020 : सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिला में ओड़िया समुदाय का 5 दिवसीय पवित्र विष्णु पंचक व्रत मंगलवार से शुरु हो गयी. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक माह को सबसे पवित्र माह मानते हैं तथा कार्तिक माह के अंतिम 5 दिनों तक पंचक व्रत का पालन करते हैं. इस दौरान महिलाएं कार्तिक माह में दशमी के लेकर पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्थान पर पूजा अर्चना करती हैं. पंचक पर 5 दिनों तक महिलाएं सुबह जलाशयों में स्नान कर भगवान राय दामोदर की पूजा करती हैं.

पंचक में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र से भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. हे निलो माधवो, हे माधव हे… हे राई दामोदर… का जाप भी किया जाता है. तुलसी मंडप के पास रंग- बिरंगी रंगोली बना कर राय-दामोदर की आराधना की जाती है.

तुलसी मंडप के समक्ष प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की भी रंगोली बना कर पूजा की जाती है. दिनभर में एक ही बार सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. अन्न-भोजन को विशेष विधि- विधान के साथ तैयार किया जाता है. पंचक पर खाये जाने वाले अन्न को हबिसान्न कहा जाता है.

Also Read: छात्रवृत्ति घोटाला : गुमला जिले में 6472 छात्रों को मिले अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप की होगी जांच, जिला कल्याण पदाधिकारी ने दिये निर्देश

पंचक का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी एवं जलाशयों में विशेष स्नान के साथ होता है. मौके पर कई धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जाता है. कार्तिक पूर्णिम को सरायकेला-खरसावां के ओड़िया समुदाय के लोग बोईतो बंदना उत्सव के रुप में भी मनाते हैं.

बोईतो बंदना के दिन उत्कलिय परंपरा के अनुसार, केला के पेड़ के छिलके से तैयार किये गये नाव को नदी में छोड़ा जाता है. वहीं, नावों को रंग-बिरंगी फूलों से सजाया जाता है. ओड़िया समुदाय की वर्षो पुरानी यह परंपरा अब भी चली आ रही है. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण दिन मानते हैं और इस दिन को हरसंभव पुण्य कार्य करते हैं. कहा जाता है कि पंचक पर पुण्य कार्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें