– असम सरकार ने तंबाकू के आयात पर लगायी रोक
– असम सरकार के फैसले का कूचबिहार की अर्थ व्यवस्था पर पड़ेगा गंभीर असर
– 250 करोड़ का तंबाकू उत्पाद दूसरे राज्यों को भेजा जाता है
जलपाईगुड़ी : असम सरकार द्वारा तंबाकू आयात पर निषेधाज्ञा लागू कर दिये जाने से कूचबिहार के तंबाकू किसान मूसीबत में फंस गये हैं. कूचबिहार जिला व्यवसायी समिति सूत्रों के अनुसार विगत दो फरवरी को असम सरकार ने तंबाकू के आयात पर निषेधाज्ञा संबंधी विधानसभा में एक बिल पेश किया था. आठ फरवरी को असम के राज्यपाल ने उस बिल पर हस्ताक्षर कर दिया था. इसलिए 12 फरवरी से असम में निर्यात किया जाने वाला तंबाकू लदे सभी वाहनों को असम-बंगाल सीमा पर रोक दिया जा रहा है.
जिस कारण कूचबिहार के तंबाकू किसान व व्यवसायी परेशान हैं. पूरे पश्चिम बंगाल में उन्नत प्रजाति के तंबाकू की खेती के लिए कूचबिहार जिला प्रमुख है. कूचबिहार के हजारों किसान जीविका के लिए तंबाकू की खेती पर निर्भर हैं. कूचबिहार के सिताई, शीतलकूची, दिनहाटा समेत कई जगहों पर मोतिहारी तंबाकू का उत्पादन किया जाता है. यह तंबाकू हर साल पूरे देश में भेजा जाता है.
उत्पादित तंबाकू का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा पड़ोसी राज्य असम में निर्यात किया जाता है. हर साल कूचबिहार जिले के करीब 16 हजार हेक्टेयर जमीन पर छह लाख 22 हजार क्विंटल तंबाकू का उत्पादन होता है. जिसका बाजार मूल्य करीब 250 करोड़ रुपये है. यह जानकारी कूचबिहार जिला व्यवसायी समिति के सचिव सुब्रत साहा ने दी.
तंबाकू किसान व व्यवसायियों को बचाने के लिए असम में फिर से तंबाकू निर्यात करने की मांग में जिला व्यवसायी समिति व तंबाकू किसानों ने जिला शासक से गुहार लगायी हैं. जिलाधिकारी की ओर से इस मामले को लेकर कृषि मंत्री के साथ बातचीत कर उन्हें रिपोर्ट सौंप दी गयी है. निर्यात बंद रहने के कारण तंबाकू व्यवसायी किसानों से तंबाकू खरीद नहीं पा रहे हैं. जल्द समस्या के समाधान के लिए आगामी शनिवार को कूचबिहार जिले के तंबाकू किसान व व्यवसायियों का एक प्रतिनिधि दल मुख्यमंत्री के पास जा रहा है. दूसरी ओर तृणमूल के कूचबिहार जिला अध्यक्ष व लोक निर्माण विभाग के परिषदीय सचिव रवींद्र नाथ घोष ने इस बारे में असम सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं. असम में तंबाकू निर्यात बंद हो जाने पर कूचबिहार की अर्थ व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा.